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कोरोना के आगामी खतरे से निपटने की तैयारियां: सिविल अस्पताल में सोलह नए वेंटिलेटर आएं

महानगर में कोरोना संक्रमण और मौत के आंकड़ों में भले ही कमी आ रही है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ सर्दी के मौसम में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका जता रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 02:04 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 02:04 AM (IST)
कोरोना के आगामी खतरे से निपटने की तैयारियां: सिविल अस्पताल में सोलह नए वेंटिलेटर आएं
कोरोना के आगामी खतरे से निपटने की तैयारियां: सिविल अस्पताल में सोलह नए वेंटिलेटर आएं

जागरण संवाददाता, लुधियाना

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महानगर में कोरोना संक्रमण और मौत के आंकड़ों में भले ही कमी आ रही है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ सर्दी के मौसम में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। इस दौरान कोरोना वायरस और खतरनाक होगा। स्वास्थ्य विभाग ने आगामी खतरे को भांपते हुए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।

विभाग की ओर से सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करके लेवल थ्री का बनाया जा रहा है। इस के तहत जिले के सिविल अस्पताल को अत्याधुनिक इलाज सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। सिविल अस्पताल में अगस्त में आठ हाई फ्लो नेजल ऑक्सीजन मशीनें व अठारह बीपैप नान इनवेंसिव वेंटिलेटर आए थे, वहीं सितंबर में दो वेंटिलेटर लगाएं गए, जो कि इस समय आपरेशनल हैं और गंभीर मरीजों की जिदगी भी बचा रहे हैं। अब थोड़ा और आगे बढ़ते हुए सेहत विभाग की ओर से 16 और वेंटिलेटर सिविल अस्पताल को भेजे गए हैं। यह सीवी 200 वेंटिलेटर सिस्टम प्राइम मिनिस्टर सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशंस फंड्स (पीएम केयरस) के तहत आएं हैं। हालांकि यह अभी फंक्शनल नहीं हुए हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक नवंबर के पहले सप्ताह तक सभी वेंटिलेटर फंक्शनल हो जाएंगे।

सिविल अस्पताल के कोविड केयर आइसोलेशन सेंटर की इंचार्ज डा. हतिदर कौर ने बताया कि डेढ़ महीने पहले सिविल सर्जन डा. राजेश बग्गा की ओर से आइसीयू बनाने को लेकर वेंटिलेटर की डिमांड की गई थी। उसी के तहत यह वेंटिलेटर आएं है। हमारे पास स्टाफ आ चुका है। इसमें बारह ट्रेंड नर्सिग स्टाफ भी शामिल है। वे बताती हैं कि नए वेंटिलेटर के फंक्शनल होने से गंभीर मरीजों को पटियाला नहीं भेजना होगा। रेफर उन्हीं मरीजों को किया जाएगा, जिन्हें सुपर स्पेशलिटी की जरूरत होगी। पहले जब कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को पटियाला रेफर करते थे, तो उनमें से कई बच नहीं पा रहे थे। अस्पताल में अभी भी ज्यादातर गंभीर मरीजों को बचाने के लिए हाई फ्लो नेजल आक्सीजन मशीन व बीपैप नान इनवेंसिव वेंटिलेटर का इस्तेमाल हो रहा है,इससे गंभीर मरीज ठीक हो रहे हैं। इसके रिजल्ट अच्छे हैं। सिविल अस्पताल में इस समय लेवल थ्री के 28 बेड हैं, जबकि लेवल टू के 122 बेड है। लेवल थ्री बेड होने से गंभीर मरीजों का भी इलाज कर रहे हैं। जबकि पहले केवल मोडरेट इलनेस वाले पेशेंट ही ट्रीट कर रहे थे।

डा. हतिदर कौर ने कहा कि जिस तरह सर्दियों में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की आशंका जताई जा रही है, उस स्थिति में यह वेंटिलेटर हमारे लिए बेहद मददगार साबित होंगे।


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