ब्रह्मा, विष्णु, महेश गुरु हैं : कुमार स्वामी
मॉडल टाउन एक्सटेंशन स्थित भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम मंदिर में साप्ताहिक सत्संग के दौरान महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी द्वारा भेजे संदेश को पढ़ कर सुनाया गया।
जेएनएन, लुधियाना : मॉडल टाउन एक्सटेंशन स्थित भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम मंदिर में साप्ताहिक सत्संग के दौरान महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी द्वारा भेजे संदेश को पढ़ कर सुनाया गया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि शरीर गुरु नहीं होता, बल्कि गुरु के वचन ही गुरु होता है। गुरु ब्रह्मा, विष्णु, महेश नहीं वरन् ब्रह्मा, विष्णु, महेश गुरु हैं।
गुरु की महिमा भगवान शिव ने माता पार्वती को बताई थी, जो गुरु गीता में वर्णित है। भगवान शिव ने कहा कि हे पार्वती गुरु तत्व को जाने बिना जप, तप, व्रत, तीर्थ-यज्ञादि, दान, अनुष्ठान सब व्यर्थ हो जाता है। आत्मा में सद्गुरु के द्वारा दी गई बुद्धि के सिवा कुछ भी सत्य नहीं है। सद्गुरुदेव के चरणों की सेवा करने से मनुष्य के सभी पाप मिट जाते हैं। श्रीगुरुदेव जी के चरणामृत से पाप रूपी ही समर्थ हैं। अत: सद् गुरुदेव जी के चरणामृत गंगा जी के समान है। जो मनुष्य सद्गुरुदेव जी की सेवा करता है तो वह ब्रह्म को भी प्राप्त कर सकता है। गुरु की कभी भी निंदा नहीं करनी चाहिए।
गुरु के समक्ष हुंकार शब्द से नहीं बोलना चाहिए कि मैंने ऐसा काम किया तथा कभी असत्य भी नहीं बोलना चाहिए। गुरुदेव जी के समक्ष जो तू कहकर बोलता है अथवा गुरु के सामने सिर उठाकर बोलता है वह निर्जन मरुभूमि में ब्रह्मराक्षस होता है। गुरु के समक्ष कभी उपदेश नहीं देना चाहिए। दिन हो या रात सदैव गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए तथा दास बनकर रहना चाहिए। गुरु कभी अपने शिष्य को हानि नहीं पहुंचाता बल्कि उसके दुर्गुणों को दूर करता है।