ऑटो-रिक्शा व टैक्सी पर नहीं लगेगी पार्किग फीस, कांट्रैक्टर नहीं कर सकेंगे चालान
स्थानीय निकाय विभाग की नई पार्किंग पॉलिसी शहर के ट्रैफिक बोझ को कम करने में मददगार साबित हो सकती है।
राजेश भट्ट, लुधियाना
स्थानीय निकाय विभाग की नई पार्किंग पॉलिसी शहर के ट्रैफिक बोझ को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। इस पॉलिसी में पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को मजबूत करने के लिए कई अहम प्रावधान जोड़े गए हैं। इसमें एक तरफ निजी वाहनों पर पार्किंग फीस बढ़ाने का प्रावधान जोड़ा गया हैं, वहीं दूसरी तरफ सार्वजनिक वाहनों को पार्किंग फीस के दायरे से बाहर रखा गया है। यही नहीं ऑटो, रिक्शा व टैक्सी जैसे वाहनों के लिए पार्किंग में अलग से जगह रिजर्व रखी जाएगी, ताकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम उपयोग करने वालों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
लुधियाना जैसे महानगर में पार्किंग की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। हालत यह है कि ज्यादातर पार्किंग स्लॉट में वाहनों के लिए जगह नहीं मिलती। नई पॉलिसी में ऐसी जगहों पर पार्किंग फीस बढ़ाने का प्रावधान रखा है। इसके साथ ही इन पार्किंगों में ऑटो, रिक्शा व टैक्सी के लिए अलग से स्पेस रिजर्व करने का प्रावधान भी है। इस प्रावधान के जरिए लोगों को अधिक से अधिक पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साइकिल की पार्किंग होगी फ्री
शहर की किसी भी पार्किंग में साइकिल की फीस नहीं वसूली जाएगी और पार्किंग में साइकिल की पूरी जिम्मेदारी पार्किंग कांट्रेक्टर की होगी। सरकार इसके जरिए पर्यावरण बचाने पर भी जोर दे रही है। निगम अफसर भी करेंगे चालान
अब पुलिस के साथ-साथ निगम अफसरों को भी पार्किंग नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान काटने की पावर दी जाएगी। चालान काटने से पहले वाहन की फोटो ली जाएगी और वीडियो भी बनाई जाएगी। पार्किंग नियमों के उल्लंघन में दो तरह से कार्रवाई होगी। पहले पार्किंग कांट्रेक्टर को फीस न देना और दूसरा नो पार्किंग एरिया में वाहन खड़े करना। पार्किंग कांट्रेक्टर अपने स्तर पर किसी का चालान नहीं कर सकेगा और न ही फाइन लगा सकेगा। इसके लिए उन्हें निगम अफसरों से संपर्क करना पड़ेगा। मोबाइल एप से लोग कर सकेंगे शिकायत
वाहन चालक गलत पार्किंग न करें इसके लिए आम लोगों को भी जोड़ा जाएगा। नगर निगम इसके लिए एक मोबाइल एप तैयार करेगा। जिस पर आम लोग गलत पार्किंग की सूचना व फोटो अपलोड कर सकेंगे। एप की मॉनीटरिंग निगम व ट्रैफिक पुलिस के अफसर करेंगे। एप पर जैसे ही उन्हें गलत पार्किंग की सूचना मिलेगी तुरंत टीमें मौके पर आकर चालान कर लेंगी।