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शहर में 3000 मोबाइल टावर, प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली जीरो

घर हों या फिर कमर्शियल बिल्डिंग चारों तरफ छतों पर मोबाइल टावर ही दिखते हैं। शहर में अलग-अलग कंपनियों के 3000 से अधिक मोबाइल टावर लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 08:44 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 08:44 AM (IST)
शहर में 3000 मोबाइल टावर, प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली जीरो
शहर में 3000 मोबाइल टावर, प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली जीरो

राजेश भट्ट, लुधियाना

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घर हों या फिर कमर्शियल बिल्डिंग चारों तरफ छतों पर मोबाइल टावर ही दिखते हैं। शहर में अलग-अलग कंपनियों के 3000 से अधिक मोबाइल टावर लगे हैं। कंपनियां टावर लगाने के बदले प्रॉपर्टी मालिकों को मोटा किराया दे रही हैं, लेकिन निगम को न तो प्रॉपर्टी मालिक प्रॉपर्टी टैक्स जमा करा रहे हैं और न ही मोबाइल कंपनियां, जिससे निगम को करोड़ों का चूना लग रहा है। अब तक मोबाइल टावरों से निगम प्रॉपर्टी टैक्स के नाम पर एक पाई भी वसूल नहीं पाया। अब निगम ने मोबाइल टावरों से टैक्स वसूलने के लिए रणनीति तय कर ली है। कई वर्षो से चल रहा है खेल, इसलिए कराया सर्वे

मोबाइल कंपनियों और जिनकी छतों पर टावर लगे हैं, निगम उन्हें जल्द ही नोटिस भेजने जा रहा है। टैक्स न भरने का खेल पिछले कई सालों से चल रहा है। निगम अफसर भी मकान मालिकों से सामान्य रेट पर प्रॉपर्टी टैक्स वसूल लेते हैं और मोबाइल टावर के किराए के रूप में मिलने वाली राशि पर मकान मालिक से टैक्स नहीं वसूलते। वहीं दूसरी तरफ निगम मोबाइल कंपनियों से भी प्रॉपर्टी टैक्स नहीं वसूल रहा। अब यह मामला सामने आया तो निगम ने पूरे शहर के टावरों का सर्वे कर दिया है। सर्वे में 3000 से अधिक टावर शहर में पाए गए। सभी को एक-एक करके नोटिस भेजेगा। इसके अलावा मकान मालिक और मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनी से रेंट एग्रीमेंट भी लेगा, ताकि उसके हिसाब से प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली की जा सके। क्या है नियम

शहरी क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनियां मकान मालिक को कम से कम 20 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से किराया देती हैं। निगम किराए वाली प्रॉपर्टी से किराए का 7.5 फीसद प्रॉपर्टी टैक्स वसूलता है। अगर गणना की जाए तो प्रति टावर प्रति साल 18 हजार रुपये टैक्स बनता है। इस तरह शहर में 3000 टावर हैं तो यह राशि प्रति वर्ष 5.4 करोड़ रुपये बन जाती है। अगर निगम पुरानी वसूली भी करता है तो इससे निगम को करोड़ों रुपये की आय हो सकती है। क्योंकि टावर कई सालों से लगे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक जोन सी और जोन डी में सबसे ज्यादा मोबाइल टावर हैं। अब पेट्रोल पंप भी रडार पर, भेजी जाएंगी नोटिस

नगर निगम ने अब सूची तैयार कर ली है कि किन-किन लोगों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाना है। निगम अफसरों के मुताबिक अब पेट्रोल पंपों को भी नोटिस जारी करके प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाएगा। निगम अभी सूची तैयार कर रहा है कि पेट्रोल पंपों के पास कितनी जगह है और वह कितना टैक्स जमा कर रहे हैं। मोबाइल टावरों से वसूली करने के लिए योजना बना दी हैं। जल्दी ही नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इससे निगम को प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में करोड़ों रुपये की आय हो जाएगी। इसके अलावा पेट्रोल पंपों को भी नोटिस दिए जा रहे हैं।

विवेक वर्मा, सुपरिंटेंडेंट, प्रॉपर्टी टैक्स हेडक्वार्टर, नगर निगम लुधियाना


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