सौभाग्य से मिलता है मानव जीवन : त्रिपदा भारती
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर हरदेव एन्क्लेव में शिवकथा में काफी संख्या में भक्त पहुंचे।
संस, लुधियाना :
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर हरदेव एंक्लेव, धमोटिया कॉलोनी टिब्बा रोड में आयोजित सात दिवसीय शिव कथा के तीसरे दिन सुमन ठाकुर, माता कमला देवी ठाकुर, महेश जैदका, राजन, कमल तलवार, डॉ. राज, संतोष कुमार, साध्वी दया, सुनील मल्होत्रा, तेजपाल सेतिया, अतीत सिंह ने ज्योति प्रज्वलित की गई।
आशुतोष महाराज की परम शिष्या साध्वी त्रिपदा भारती ने कहा कि मानव तन का मिलना मानो एक अवसर है पर ब्रह्म प्राप्ति का। परंतु मानव के भाग्य की विडंबना है कि वह अपने जीवन के परम लक्ष्य ईश्वर को भूल कर सांसारिक विषयों विकारों मोह माया में लिप्त हो जाता है। शास्त्रानुसार एक जीव का देह त्याग करते हुए जहां ध्यान रह जाता है उसी के अनुरूप वह योनि को प्राप्त करता है। सती जी की भी अंतिम इच्छा यही थी कि वह हर जन्म में भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त करें। इसी भावना के तहत सती अगले जन्म में राजा हिमवान और महारानी मैना के घर पुत्री रूप में जन्म लेती हैं और पार्वती के नाम से प्रसिद्धि को प्राप्त करती है। इसके अतिरिक्त साध्वी जी ने पार्वती जन्म प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि जब हिमाचल नगरी में पार्वती जी कन्या रूप में जन्म लेती है। परन्तु आज के समाज में बेटी के जन्म पर खुशी नहीं गम होता है। भारत देश जिसके आंचल तले सदियों से नन्ही नन्ही कन्याओं की पूजा होती रही हैं। उन्हें जन्म से पहले ही मौत का ग्रास बना दिया जाता है। इस बुराई में केवल अनपढ़ या ग्रामीण वर्ग नहीं शामिल बल्कि आज का पढ़ा लिखा वर्ग भी शामिल है। प्रभु जी की पावन आरती में विशेष रूप से सूखविद्र सिंह धमोटिया, सुरिदर कुमार, विजय कोचर, कनक कोचर, अभी कोचर, सुरेश मिगलानी, विकी गुप्ता, हंस राज, अंजीर गुलेरीया, राज सिंह, रंजन, सौरव, नरेश कुमार, हरजीत कौर मौजूद रहीं।