Move to Jagran APP

18 साल की लूणा की खूबसूरती पर फिदा हुए 60 साल के सलवान

लूणा नाटक का मंचन शनिवार को गुरु नानक देव भवन में किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 06:36 AM (IST)
18 साल की लूणा की खूबसूरती पर फिदा हुए 60 साल के सलवान
18 साल की लूणा की खूबसूरती पर फिदा हुए 60 साल के सलवान

जासं, लुधियाना : शिव कुमार बटावली की लिखी पुस्तक 'लूणा' नाटक का मंचन शनिवार को लुधियाना सांस्कृतिक समागम (एलएसएस) की ओर से गुरु नानक देव भवन में किया गया। दो घंटे दस मिनट के इस नाटक को कुलदीप शर्मा ने निर्देशित किया। नाटक के कुल 32 कलाकारों ने मंच पर अपनी भूमिका निभाई। खचाखच भरे हाल में हर कोई नाटक के हर दृश्य को गंभीरता से देख रहा था। ग्यारह गीत नाटक को और भी मजेदार बनाते दिखे। इसमें कुलदीप शर्मा ने राजा सलवान, मृदुला महाजन ने लूणा, वरूण शर्मा ने पूरन का किरदार निभाया। नाटक में लड़की की आहत हुई भावना देखने को मिली कि कैसे 18 साल की लड़की की शादी 60 साल के राजा से कर दी जाती है। पर इसके विपरीत समाज के लोग उस लड़की को ही गलत ठहराते हैं। नाटक में दिखाया कि सियालकोट के राजा सलवान चंबा के राजा बरमन के जन्मदिन पर जब जाते हैं तो वहां शास्त्रीय नृत्य कर रही लूणा को वह देखते हैं। वह उसकी खूबसूरती पर फिदा हो जाते हैं। पहली नजर में ही वह लूणा से शादी करने के लिए उतावले हो जाते हैं। अब इस दौरान ऐसा मोड़ आता है कि लूणा का परिवार अपनी बेटी की इच्छा और मर्जी जाने बिना उसकी राजा सलवान से शादी करवा देता है। शादी के बाद लूणा राजा सलवान की पहली पत्नी से बेटे पूरन को देखती है तो वह उससे प्यार की इच्छा जताती है। इस दौरान फिर 'अज्ज दिन चढ़ेया तेरे रंग वरगा' गीत गाया जाता है। जैसे ही लूणा पूरन से अपने प्यार का इजहार करती है तो वह इंकार कर देता है। बदला लेने के लिए लूणा राजा सलवान से पूरन के बारे में गलत कहती है। गुस्साए राजा सलवान अपने ही बेटे पूरन के हाथ-पांव काटने के आदेश दे देता है। इसके साथ ही नाटक संपन्न हो जाता है। इस अवसर पर विधायक कुलदीप वैद्य, रिटायर्ड डीजीपी पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन हरदीप सिंह ढिल्लों, डीसी प्रदीप अग्रवाल और एवन साइकिल के ओंकार सिंह पाहवा मेहमान के रूप में पहुंचे। नाटक में ये दिया संदेश

loksabha election banner

इस तरह लूणा नाटक के जरिए यह संदेश दिया गया है कि आज भी कहीं न कहीं हमारे समाज में कम उम्र की लड़कियों की शादी अधेड़ या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति के साथ कर दी जाती है। इसके लिए परिवार उसकी इच्छाओं का बलिदान दे देता और फिर वह लड़की इसके खिलाफ आवाज भी नहीं उठा पाती। इस नाटक के जरिए इस कुरीति पर चोट की गई और समाज को जागरूक करने की कोशिश की गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.