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लुधियाना में लाेहड़ी पर बाजाराें में उमड़ी भीड़, रेवड़ी व गजक की जमकर खरीदारी; पतंगाें से सजा आसमान

Lohri 2022ः बाजारों में मूंगफली गजक और कई तरह की रेवड़ियों से दुकानें सज गई हैं। कई जगह तिल भुग्गा की मांग भी खूब है। रेवड़ियों और गजक की मिठास घुलेगी और रंग-बिरंगी पतंगों से आसमान सुबह से शाम तक सजा रहेगा।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 10:41 AM (IST)
लुधियाना में लाेहड़ी पर बाजाराें में उमड़ी भीड़, रेवड़ी व गजक की जमकर खरीदारी; पतंगाें से सजा आसमान
Lohri 2022ः मालीगंज चौक में लोहड़ी के लिए गच्चक व रेवडिय़ां खरीदते लोग। (गौरव कनौजिया)

जासं, लुधियाना। Lohri 2022ः  लोहड़ी पर खुशियों के साथ नई शुरुआत की जाती है और अलाव में बुराइयों को नष्ट किया जाता है। उत्साह और उमंग के साथ नए साल की शुरुआत के बाद खुशियों के त्याहार लोहड़ी का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। रेवड़ियों और गजक की मिठास घुलेगी और रंग-बिरंगी पतंगों से आसमान सुबह से शाम तक सजा रहेगा। लोहड़ी पर पतंग उड़ाने का बच्चों व युवाओं में अलग क्रेज रहता है। छत पर सुबह से गानों के साथ पतंगबाजी शुरू हो जाएगी।

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इस बार पतंगों पर भी चुनावी रंग दिख रहा है। पतंगों में कई नेताओं की तस्वीरें और स्लोगन भी लिखे गए हैं। बाजार में पांच रुपये से लेकर 200 रुपये तक की पतंग उपलब्ध है। पतंगों के लिए मशहूर दरेसी मार्केट की प्रत्येक दुकान बुधवार को आकर्षक पतंगों से सजी दिखी। लोग भी पतंगों की खूब खरीदारी कर रहे थे। बाजारों में मूंगफली, गजक और कई तरह की रेवड़ियों से दुकानें सज गई हैं। कई जगह तिल भुग्गा की मांग भी खूब है। लोहड़ी की रात को पूजा के बाद पैराशूट लैंप (डोले) जलाने की प्रचलन भी पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है। बढ़ती मांग को देखते हुए हैबोवाल मार्केट में पतंगों से सजी दुकानों में पैराशूट लैंप भी विशेष तौर पर रखे थे।

खुशियों के साथ कोरोना नियमों का पालन भी जरूर करें

  • पतंगबाजी और लोहड़ी मनाने के दौरान मास्क पहनें।
  • शारीरिक दूरी के नियम का पालन जरूर करें।
  • भीड़ में जाने से बचें व हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग रहें।

पतंगबाजी करते इन बातों का रखें ध्यान..

  • प्लास्टिक डोर का प्रयोग बिलकुल न करें। इससे आम लोगों और पक्षियों के घायल होने का खतरा रहता है। अगर यह डोर बिजली की तारों के संपर्क में आ जाए तो खुद की जान के लिए भी खतरा बन जाती है।
  • पतंग हमेशा जमीन से ही उड़ाएं। अगर छत पर हैं तो उसकी बाउंड्री वाल कम से कम चार फीट ऊंची होनी चाहिए। खुली छत पर हादसा होने का खतरा बना रहता है।
  • छत पर पतंग उड़ाते समय बच्चों को साथ न रखें। कटी पतंग को देख वह पकड़ने के लिए भागते हैं। ऐसे में हादसे का खतरा बना रहता है।
  • बच्चों को पतंग उड़ाने के लिए पार्क या मैदान में ही लेकर जाएं। उन्हें छोटी पतंग दें और उसकी अंगुली पर डाक्टर टेप जरूर लगा दें।
  • कटी पतंग का मांझा पकड़ने से बचें। जिसकी पतंग कटती है, वह मांझा तेजी से खींचता है। इससे अंगुली कटने का खतरा रहता है।

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