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लोधी क्लब : शराब घोटाले की ढुलमुल जांच से नाराज फाइनांस सेक्रेटरी सचिन ने दिया इस्तीफा

क्लब की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है।लोधी क्लब बार में महंगे दामों पर खरीदी जा रही शराब का आरोप लगाने वाले फाइनांस सेक्रेटरी सचिन गुप्ता ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया।

By Edited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 10:26 AM (IST)
लोधी क्लब : शराब घोटाले की ढुलमुल जांच से नाराज फाइनांस सेक्रेटरी सचिन ने दिया इस्तीफा
लोधी क्लब : शराब घोटाले की ढुलमुल जांच से नाराज फाइनांस सेक्रेटरी सचिन ने दिया इस्तीफा

जागरण संवाददाता, लुधियाना : तीन हजार रसूखदारों के क्लब की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। लोधी क्लब बार में महंगे दामों पर खरीदी जा रही शराब का आरोप लगाने वाले फाइनांस सेक्रेटरी सचिन गुप्ता ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। क्लब प्रेसिडेंट डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल को भेजे इस्तीफे में फाइनांस सेक्रेटरी ने कहा कि जांच के नाम पर चार महीने से अधिक समय बीत गया पर अभी तक रिपोर्ट नहीं आई। इसके विपरीत रिपोर्ट आने से पहले ही क्लब के कुछ पदाधिकारी क्लीनचिट का दावा कर रहे हैं। ऐसे में उनका पद पर बने रहना संभव नहीं है। इस्तीफे की पुष्टि के लिए जब सचिन गुप्ता से संपर्क किया तो उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि क्लब मेंबर्स ने उन्हें फाइनांस सेक्रेटरी जैसे अहम पद के लिए इस उम्मीद के साथ चुना था कि वह क्लब के फंड्स का दुरुपयोग नहीं होने देंगे। उन्होंने ईमानदारी व मेहनत से इसका प्रयास भी किया, लेकिन अब कुछ ऐसा हो रहा है जिसको वह चाह कर भी रोक नहीं पा रहे हैं। इसके विपरीत कुछ लोग जांच रिपोर्ट में खुद को क्लीनचिट मिलने का दावा करते हुए सोशल मीडिया पर प्रचार करने में जुटे हैं। ऐसे में उनके पास इस्तीफे के अलावा कोई चारा ही नहीं है। फाइनांस सेक्रेटरी ने यह लगाए थे आरोप चार महीने पहले फाइनांस सेक्रेटरी सचिन गुप्ता ने इस तर्क के साथ बार के लिए खरीदी शराब के 14 लाख रुपये के बिल रोक लिए थे कि शराब की खरीद महंगे दामों पर हो रही है, जबकि इससे सस्ती शराब दूसरे कांट्रेक्टर क्लब को देने के लिए तैयार हैं।

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मामला क्लब प्रेसिडेंट डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसकी जांच के आदेश क्लब जनरल सेक्रेटरी जगमोहन जैन को दे दिए। जगमोहन जैन ने संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए व दस्तावेजों सहित रिपोर्ट डीसी को सौंप दी। इसके बाद जांच की जिम्मेदारी तत्कालीन एडीसी खन्ना अजय सूद को दी गई। चूंकि जांच एक्साइज से संबंधित थी तो एक्साइज डिपार्टमेंट में रह चुके अधिकारी सतवंत सिंह को जांच टीम मे शामिल किया गया।


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