बुड्ढा दरिया मामले ने सत्ताधारी कांग्रेस में मचाई खलबली, PPCB अफसरों के U-Turn का यह है राज
सत्ताधारी कांग्रेस में इस केस को लेकर हलचल मच गई। अदालत ने भी मेयर कमिश्नर और अन्य अफसरों को अदालत में तलब कर लिया।
लुधियाना [भूपेंदर सिंह भाटिया]। बुड्ढा दरिया की गंदगी को लेकर पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने पूरे लाव लश्कर के साथ शहर के प्रथम नागरिक पर ही हमला कर दिया। उन्होंने पहले तो मेयर बलकार संधू और निगम कमिश्नर कंवलप्रीत कौर बराड़ सहित कई अफसरों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया। सत्ताधारी कांग्रेस में इस केस को लेकर हलचल मच गई। अदालत ने भी मेयर, कमिश्नर और अन्य अफसरों को अदालत में तलब कर लिया। इसके बाद मेयर चंडीगढ़ स्थित अपने आकाओं के पास पहुंचे और दुहाई दी कि इससे सरकार की भी बदनामी है। कांग्रेस के राज में कांग्रेसी मेयर के खिलाफ केस कर दिया गया। चंडीगढ़ के आकाओं को भी यह बात नहीं अच्छी लगी। बताया जाता है कि उसके बाद राजनेताओं ने पीपीसीबी के उच्च अफसरों को तलब कर आपत्ति जताई। मेयर की अदालत में तारीख से पहले ही आनन-फानन में केस वापस ले लिया गया।
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सवालों पर नेता की नसीहत
पिछले दिनों शहर के एक वार्ड में जनता के लिए कार्यक्रम हुआ। उसमें जनता की समस्याएं सुनी जानी थीं। इलाका पार्षद ने भी कार्यक्रम में जनता के सवालों से रूबरू होना था। इलाके के लोग पार्षद को घेरने के लिए पूरी तैयारी के साथ पहुंचे। पार्षद के सामने आते ही लोगों ने अपनी समस्याएं रखने के साथ पार्षद को सवाल दागने शुरू कर दिए। पार्षद हंसराज पहले तो उनके हर सवाल का जवाब देते रहे कि इलाके की समस्याओं को दूर करने के लिए उन्होंने क्या-क्या किया। निगम में कहां तक पहुंच लगाई। इसी माह से गलियां बननी शुरू हो जाएंगी। इसके बावजूद जब कुछ लोग सवालों के गोले दागने से बाज नहीं आए तो नेता जी भी फॉर्म में आ गए। उन्होंने कहा कि समस्याएं तो दूर हो जाएंगी, लेकिन यह बताओ किस-किस ने प्रॉपर्टी टैक्स जमा किया, हाथ खड़ा करें। कुछ ने हाथ खड़े किए, लेकिन नेताजी भी नहीं माने और कहा सभी टैक्स जमा करवाओ।
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दाखा में संधू का दख्ल बरकरार
विधानसभा उपचुनाव में दाखा विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खास कैप्टन संदीप संधू भले ही चुनाव हार गए, लेकिन वह दाखा क्षेत्र छोड़ने को तैयार नहीं। दाखा के मंझे कांग्रेसी नेताओं ने कैप्टन संधू को अंदरखाते चुनाव हरवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उन्हें इस बात का डर था कि कैप्टन संधू जीत गए तो वह कभी क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। कैप्टन संधू हार गए तो उन्हें थोड़ी राहत मिली, लेकिन कैप्टन ने उस वक्त उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया, जब वह अकसर क्षेत्र में आने लगे। इतना ही नहीं, वह क्षेत्र में बैठकें भी करने लगे। संधू को उम्मीद है कि दो साल वह क्षेत्र में काम करेंगे और अगला चुनाव जीत जाएंगे। चूंकि संधू मुख्यमंत्री के काफी करीब हैं, इसलिए उनके आगमन पर तमाम बड़े नेता जमा हो जाते हैं। संधू की क्षेत्र में नियमित मौजूदगी अकाली नेताओं की भी नींद उड़ा रही है।
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पुलिस डाल-डाल, व्यापारी पात-पात
इन दिनों शहर में चाइनीज डोर का कारोबार करने वालों में काफी दहशत है। चूंकि इसमें व्यापारियों को कमाई मोटी होती है, तो वह इस मौके को गंवाना नहीं चाहते। उधर, पुलिस भी उन पर नकेल लगाने में पूरी तरह जुटी है। ऐसे में व्यापारियों ने बच्चों को अपना मोहरा बनाना शुरू किया है। स्कूली बच्चों के ग्रुप को व्यापारी तय स्थान पर प्लास्टिक डोर की पेटी पहुंचा देते हैं और बच्चे उन्हें एक-एक कर बेचना शुरू कर देते हैं। बच्चों पर पुलिस को शक भी नहीं जाता और यदि किसी को चाइना डोर के साथ पकड़ लिया जाता है, तो वह कह देते हैं कि पतंग उड़ाने के लिए खरीदी है। अब चूंकि उनके पास स्टॉक होता नहीं है और ऐसे में पकड़े जाने का खतरा भी नहीं रहता। बच्चे डोर से कमाई करने के अलावा अपने लिए भी डोर पतंग जुटा रहे हैं, जबकि व्यापारी भी बिना खौफ के माल बेच मोटी कमाई कर रहे हैं।