लंगर का स्टिकर लगी गाड़ियों व दूध वाले बनकर कर रहे नशे की तस्करी
कर्फ्यू के बीच भी नशा तस्करी पर रोक नहीं लग सकी है। नशा अब भी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। हालांकि तस्करों ने डिलीवरी का तरीका और समय दोनों ही बदल लिए हैं
लुधियाना, [दिलबाग दानिश]। कर्फ्यू के बीच भी नशा तस्करी पर रोक नहीं लग सकी है। नशा अब भी लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। हालांकि तस्करों ने डिलीवरी का तरीका और समय दोनों ही बदल लिए हैं। और दाम भी बढ़ा दिए हैं। रात में बताई जगह पर नशेड़ियों को नशा बड़ी आसानी से पहुंच रहा है। इसके लिए लंगर का स्टिकर लगी गाड़ियों और दूध सप्लाई वाले वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है।
यह दावा सिविल अस्पताल में नशा छुड़ाने की दवा लेने आ रहे पीड़ितों ने किया है। यहां पर दवा लेने आए अलग-अलग एरिया के मरीजों से बातचीत की तो उनसे कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं। इन पीडि़तों के अनुसार ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण भुक्की और अफीम मिलने में जरूरत थोड़ी तंगी है मगर नशीली गोलियां और चिट्टा जरूर मिल रहा है।
इन इलाकों से आज भी मिल रहा नशा
सिविल अस्पताल में नशा छुड़ाने का इलाज करवाने आए पीड़ितों के अनुसार आज भी घोड़ा कॉलोनी के कुछ तस्कर नशा बेच रहे हैं। शेरपुर के युवक ने बताया कि अब एक ग्राम चिट्टे का दाम 4500 से 5000 रुपये है। वह तीन दिन पहले ही वहां से चिट्टा लेकर आया है। इसके अलावा ताजपुर रोड पर पानी वाली टंकी से आगे कॉलोनी है। वहां पर शेरपुर चौक के पास कुछ युवक भी नशा बेचते हैं। वहीं गिल रोड के एरिया में काले रंग की बोलेनो और बोलेरो गाड़ी में नशे की सप्लाई हो रही है। यहां के एक युवक के अनुसार यह लोग हर सप्ताह गाड़ी की नंबर प्लेट भी बदल रहे हैं।
दूध वालों को छूट का फायदा उठा रहे तस्कर
एक नशा पीड़ित ने बताया कि कुछ समय पहले जब लंगर बांटने के लिए होड़ लगी थी तो लंगर का स्टिकर लगी गाडिय़ों में ही नशे की सप्लाई हो रही थी। उसने खुद दो बार डोज मंगवाई है। वे लोग लंगर के बहाने ही नशा देकर गए थे। इसके अलावा दूध वाले बनकर भी नशे की सप्लाई हो रही है, क्योंकि दूध डालने के लिए प्रशासन ने किसी भी तरह का पास नहीं दिया है। एक युवक मोटरसाइकिल पर साइड पर ड्रम लगाकर नशा सप्लाई करता है, जबकि उसमें दूध भी नहीं होता है।
कर्फ्यू में कब-कब पकड़ा जा चुका है नशा
केस 1: मोटरसाइकिल पर देने जा रहे थे नशा पकड़े गए
पुलिस ने 20 अप्रैल को तीन युवकों को काबू कर उनसे 360 ग्राम हेरोइन बरामद की। वह इसकी डिलीवरी देने जा रहे थे। वह काफी समय से इस काम में लगे थे। कर्फ्यू के दौरान इन्होंने नशे का रेट दोगुना किया हुआ था। पुलिस ने इनसे पूछताछ की तो कुछ और तस्करों के नाम हाथ लगे हैं। इसी के माध्यम से ही उन तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
केस 2: बाप-बेटा बरनाला से देने आए थे सप्लाई
एसटीएफ ने 14 अप्रैल को कर्फ्यू के दौरान ही बाप-बेटे को कार में सवार होकर रायकोट की तरफ से जिले में आते हुए काबू किया था। उनके पास कार में से 350 ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी। वह बरनाला से रायकोट होते हुए जगराओं की तरफ नशे की सप्लाई देने के लिए जा रहे थे।
केस 3: डेहलों पुलिस ने पकड़ी थी शराब और अफीम
डेहलों पुलिस ने नाके पर एक युवक को पकड़कर जब उसकी निशानदेही पर एक प्लॉट में छापा मारा तो वहां से 15 किलो भुक्की, 250 ग्राम अफीम और बड़ी मात्रा में शराब बरामद की थी।
कर्फ्यू के दौरान शराब तस्करी के दर्ज हो चुके हैं 24 मामले
पुलिस की ओर से शराब तस्करी के मामले लगातार दर्ज किए जा रहे हैं। घरों और किराने की दुकानों पर शराब बेची जा रही है और इसकी घरों तक डिलीवरी भी हो रही है। किराने की होम डिलीवरी देने के बहाने शराब डिलीवरी की बात भी सामने आ चुकी है। पुलिस कर्फ्यू के दौरान दो दर्जन के करीब मामले शराब तस्करी के दर्ज कर चुकी है।
नशे की चेन काफी हद तक टूटी: सीपी
लुधियाना के पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल का कहना है कि कर्फ्यू के बीच 250 पुलिस नाके लगे हुए हैं और गलियों में भी गश्त बढ़ाई हुई है। जिले की 70 फीसद पुलिस फोर्स इस समय फील्ड में है। बड़े स्तर पर नशे की चेन टूट चुकी है। कुछेक तस्कर अपने आसपास गलियों में ही नशा भेज रहे हैं। यह तय है कि बाहर से आने वाली खेप बंद हो गई हैं, हम इस कर्फ्यू के दौरान नशा करने वालों के इलाज और टूटी चेन वापस न जुड़े, इसके प्रयास करते होंगे।
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