पैडीट्रांस्प्लांटर ने कम की किसानों की परेशानी
सूबे में तेजी से 29 लाख हेक्टेयर में धान की बीजाई जोरों-शोरों से हो रही है। किसानों द्वारा समय पर धान की बीजाई को लेकर जितने में लेबर मिलती है उतने में लेबर लेकर धान की बीजाई करवा रहे है ताकि समय पर फसल तैयार हो जाए। लेकिन पिछले दो-तीन वर्षो से पीएयू के वैज्ञानिकों द्वारा धान की
बिदु उप्पल, जगराओं : इस वर्ष सूबे में 29 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई तेजी चल रही है। इस दौरान किसानों को मजदूरों की कमी से भी जूझना पड़ रहा है। साथ ही धान की रोपाई जल्द खत्म करने के लिए किसान मजदूरों को बिना किसी मोल भाव के मजदूरी भी दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पीएयू के वैज्ञानिकों द्वारा धान की रोपाई के लिए इजाद की गई पैडीट्रांसप्लांटर की गत दो-तीन वर्षाें से मांग बढ़ी है। यह मशीन किसानों को काफी सहायक सिद्ध हो रही है।
इस संबंध में किसानों ने बताया कि धान की रोपाई में दो प्रकार की मशीनें हमारे में वरदान साबित हो रही हैं। क्योंकि यह दोनों मशीनें पैडीट्रांसप्लांटर वॉल्क-बीहाइंड व पैडीट्रांसप्लांटर राइडिग। जिसके माध्यम से खेतों में धान की रोपाई करने से न केवल समय की बचत होती है बल्कि पैसा व परेशानी भी कम होती है और अधिक लेबर की भी जरूरत नहीं पड़ती।
1500 रुपये पर एकड़ आता है खर्च
गांव ईसेवाल के किसान बलजिदर सिंह व गुरजिदर सिंह ने कहा कि उन्हें 55 एकड़ में धान की रोपाई करनी है। पिछले वर्ष उन्होंने पैडीट्रांसप्लांटर मिलकर खरीदा था जिससे वो धान की रोपाई करते हैं। उन्होंने बताया कि इस मशीन से रोपाई करने पर पेट्रोल, दो मजदूर, पनीरी व अन्य खर्च मिलाकर एक एकड़ पर 1500 रुपए का खर्च आता है। जबकि, मजदूरों के द्वारा धान की रोपाई करने पर 3500 रुपए प्रति एकड़ खर्च आता है। वहीं गांव चक कलां के किसान सुखदेव सिंह व लखबीर सिंह चक ने बताया कि वो खुद भी अपने खेतों में पैडीट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई करते हैं और अन्य किसानों को यह मशीन 3 से चार हजार रुपए किराए के तौर पर रोपाई के लिए देते है इससे उनको दोगुना फायदा होता है।
पैडीट्रांसप्लांटर से धान रोपाई के फायदे
जिला खेतीबाड़ी अफसर डॉ. बलदेव सिंह नार्थ ने बताया कि पैडीट्रांसप्लांटर दो मशीनें वाल्क बीहाइंड व राइडिग है। जिसमें पैडीट्रांस्पलांटर वाल्क बीहाईंड से एक दिन में 4 से 5 एकड़ में धान की रोपाई की जा सकती है। जबकि पैडीट्रांसप्लांटर राइडिग में एक दिन में 13 से 14 एकड़ में धान की रोपाई करना संभव है। इसके अलावा यह मशीनें उन किसानों के लिए फायदेमंद है जोकि धान की पनीरी ट्रे में लगाते हैं। इसके अलावा मशीनों में जरिए खेत में लगाए धान के पौधों एक इंच गहरे रोपे जाते हैं। एक कतार से दूसरी कतार में 20 सेंटीमीटर का अंतर होता है जबकि एक पौधे से दूसरे पौधे में 15 सेंटीमीटर का अंतर होता है। पैडीट्रांसप्लांटर वाल्क बीहाइंड व पैडीट्रांसप्लांटर राइडिग की अपेक्षा जो मजदूर खेत में धान की रोपाई करता है वो आठ मजदूर एक दिन में एक एकड़ में रोपाई करते हैं और पौधे में अंतर का कहीं-कही फर्क हो जाता है। मशीनों के जरिए लगाए पौधों में एक स्केयर मीटर में 33 पौधे लगते हैं जबकि मजदूर 1 स्केयर मीटर में 20 से 22 पौधे लगाते हैं। इन मशीनों के जरिए लगा धान का उत्पादन भी अधिक होता है और खर्च भी कम होता है।
किसानों को 50 प्रतिशत छूट पर दी जा रही हैं मशीनें
जिला खेतीबाड़ी अफसर डा.बलदेव सिंह नार्थ ने बताया कि इस समय पंजाब में 600 से अधिक पैडीट्रांसप्लांटर मशीनें है और इस बार 40 हजार हेक्टेयर में मशीनों द्वारा रोपाई होने का अनुमान है जोकि पिछले वर्ष 20 हजार हेक्टेयर में हुआ था। उन्होंने बताया कि धान की रोपाई में मजदूरों की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर मशीनें देने के लिए जागरूक कर रही है और किसान जागरूक हो भी रहे है।
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