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Punjab Agriculture University में किसान मेला शुरू, स्टाल लगाकर दी जानकारी

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय किसान मेला शुक्रवार से शुरू हुआ। इस बार किसान मेले का उद्घाटन एक किसान के हाथों करवाया गया।

By Edited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 11:22 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 12:00 PM (IST)
Punjab Agriculture University में किसान मेला शुरू, स्टाल लगाकर दी जानकारी
Punjab Agriculture University में किसान मेला शुरू, स्टाल लगाकर दी जानकारी

जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय किसान मेले का शुभारंभ पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा ने किया। रामशरण वर्मा एक ऐसे किसान हैं, जिन्होंने खेती में नित नए प्रयोगों से कई आयाम स्थापित किए हैं। आज वे खेती से लाखों रुपये साल के कमा रहे हैं। मेले में शोधों को प्रदर्शित किया गया, जो किसानों के साथ साथ आम शहरियों के लिए भी फायदेमंद थी। खासकर, फूड प्रोसेसिंग को लेकर स्टालों पर तो ऐसे खाद्य पदार्थ प्रदर्शित किए गए, जिसे खूब पसंद किया गया। इसके अलावा बीज स्टोरों पर बीज खरीदने, फलों व सब्जियों की पनीरी खरीदने के लिए भी किसानों की काफी भीड़ उमड़ी।

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अंकुरित मूंग व चने से तैयार किया पास्ता

आइसीएआर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हारवेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ने किसानों को कुछ अलग तरह के पास्ता का स्वाद चखाया। यह पास्ता अंकुरित हरी मूंग व काले चने से तैयार किया गया था। जबकि आमतौर पर मार्केट में सूजी व मैदा से तैयार पास्ता ही बिक रहा है। मेले में आए किसानों ने जब पास्ता के गुणों को जाना तो हैरान रह गए। सिफेट के फूड ग्रेन एंड ऑयल सीड प्रोसेसिंग डिवीजन की वैज्ञानिक डॉ. स्वाति ने बताया कि उनकी ओर से तैयार किए गए पास्ता में प्रति सौ ग्राम फाइबर तीन से ग्राम हैं। जबकि प्रोटीन 12 से 13 प्रतिशत हैं। वहीं इन विट्रो प्रोटीन डायजेसिटीबिल्टी 75 से 80 प्रतिशत हैं। जबकि माकेट में बिक रहे सूजी व मैदे के पास्ता में फाइबर नहीं होता। प्रोटीन भी नौ प्रतिशत के आसपास ही रहता है। ऐसे में उनके द्वारा तैयार किया गया पास्ता पौष्टिक है। डॉ. स्वाति ने कहा कि तीन साल की शोध से यह पास्ता तैयार किया गया है। किसान भी सिफेट से प्रशिक्षण ले सकते हैं।

पीएयू ने तैयार किए अलसी के गुणकारी बिस्कुट

पीएयू किसान मेले में डिपार्टमेंट ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के स्टाल ने मेले में आए हर इंसान का ध्यान अपनी तरफ खींचा। इस स्टाल पर अलसी के बिस्कुट को प्रदर्शित किया गया था। विभाग की ओर से पहली बार तैयार किए गए अलसी के बिस्कुट हाथों हाथ बिके। क्योंकि बिस्कुट में गुण ही इतने अधिक थे। सीनियर मि¨लग टेक्नोलॉजिस्ट डा. अमरजीत कौर के अनुसार अलसी के सेवन के बहुत फायदे हैं। इसके सेवन से दिल की बीमारियों, कैंसर, शुगर व मोटापे से भी बचाव होता है। इसमें अनेक प्रकार के विटामिन व मिनरल होते हैं। इसके अलावा मूंगफली से भरपूर शहद कुकिज, लो शुगर कुकीज, पंपकिन कुकिज आदि प्रदर्शित किया गया।

पराली से तैयार किए चाय के कप रखने वाले कोस्टर

किसान मेला ग्राउंड में पीएयू के डिपार्टमेंट ऑफ अपैरल के स्टाल पर काफी भीड़ रही। क्योंकि यहां वैज्ञानिकों ने वर्तमान में पंजाब की सबसे बड़ी समस्या पराली का एक समाधान पेश किया था। विभाग के वैज्ञानिकों की ओर से पराली से चाय के कप रखने के लिए इस्तेमाल होने वाले कोस्टर तैयार किए गए थे। जो देखने में बेहद खूबसूरत थे। किसानों ने पराली से कोस्टर बनाने की विधि जानने में काफी रूचि दिखाई। उनका कहना था कि अगर पीएयू उन्हें पराली से इस तरह के बेहतरीन उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दें, तो वह पराली को आग नहीं लगाएंगे।

टंकी खाली होने पर अपने आप चलेगी मोटर, भरने पर होगी बंद

मेले में एक स्टाल पर वाटर लेवल कंट्रोलर नाम का उपकरण प्रदर्शित किया गया था। सेंसर तकनीक पर आधारित सिंगल फेस पेन विद वॉटर लेवल कंट्रोलर की मदद से घर की छत पर लगी पानी की टंकी खली होने पर मोटर अपने आप चलने लगती हैं और जब टंकी भर जाती हैं तो मोटर अपने आप ही बंद हो जाती हैं। खासबात यह थी कि यह वाटर लेवल कंट्रोलर सस्ता भी है। जिसे पैंतीस सौ से लेकर सात हजार रुपये के बीच में खरीदा जा सकता हैं।

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