Move to Jagran APP

Kisan Mela: किसान बोले- पराली प्रबंधन के लिए मशीनरी पहुंच से दूर, मशीनें बनाने वालों ने कर दी महंगी

Kisan Mela मेले के दूसरे व आखिरी दिन भी लाइव पैनल डिस्कशन में किसानों ने पराली प्रबंधन पर बात की। बहुत से किसानों ने मशीनरी के अभाव की समस्या रखी।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 10:54 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 10:54 AM (IST)
Kisan Mela: किसान बोले- पराली प्रबंधन के लिए मशीनरी पहुंच से दूर, मशीनें बनाने वालों ने कर दी महंगी
Kisan Mela: किसान बोले- पराली प्रबंधन के लिए मशीनरी पहुंच से दूर, मशीनें बनाने वालों ने कर दी महंगी

लुधियाना, जेएनएन। Kisan Mela: पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) की ओर से आयोजित पहले दो दिवसीय वर्चुअल किसान मेले के अंतिम दिन भी करीब 50 हजार से अधिक किसान शामिल हुए। दूसरे दिन महिला किसान भी मेले का हिस्सा बनीं। इसके अलावा मेले के पहले दिन सबसे अधिक सवाल पराली प्रबंधन को लेकर किसानों ने पूछे, क्योंकि यह पंजाब में प्रदूषण की सबसे बड़ी समस्या है और किसान मेले का थीम भी इसी पर है।

loksabha election banner

मेले के दूसरे व आखिरी दिन भी लाइव पैनल डिस्कशन में किसानों ने पराली प्रबंधन पर बात की। बहुत से किसानों ने मशीनरी के अभाव की समस्या रखी। उनका कहना था कि पराली संभालने को लेकर अभी पर्याप्त मशीनरी नहीं है।

सरकार सब्सिडी पर पराली प्रबंधन की मशीनरी देने की बात कर रही है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि मशीनरी किसानों की पहुंच से दूर है, क्योंकि मशीनरी बहुत महंगी है। जब से सरकार ने सब्सिडी की घोषणा की है, तब से मशीनें बनाने वाले मैन्यूफेक्चर्स ने मशीनें महंगी कर दी हैं।

कुछ किसानों ने कहा कि सरकार अगर पराली प्रबंधन के प्रति गंभीर है, तो सभी सोसायटियों में बड़े-बड़े ट्रैक्टर, हैप्पी सीडर, मल्चर सहित दूसरी मशीनरी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध करवाएं, क्योंकि सूबे के सभी किसानों के पास पराली प्रबंधन में इस्तेमाल होने वाले बड़े ट्रैक्टर, हैप्पी सीडर व दूसरी मशीनें नहीं है और उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इन उपकरणों को खरीद सकें। मशीनरी ही नहीं होगी, तो किसान पराली प्रबंधन की तरफ कदम नहीं बढ़ाएंगे। ऐसे में जो विकल्प उन्हें आसान लगेगा, वही करेंगे।

वहीं कुछ ने कहा कि वह भी पराली को जलाना नहीं चाहते। पर मजबूरन ऐसा करना पड़ता है। सरकार को पहल करते हुए पराली की समस्या का समाधान के लिए आगे आना चाहिए। पराली से गत्ता, डिस्पोजल प्लेट, बिजली, पशुओं के लिए खुराक बनाई जा सकती है। अगर सरकार पराली प्रबंधन को लेकर संजीदा है, तो पराली बेस्ड इंडस्ट्री स्थापित करें।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.