बैलेंस डाइट से खुद को रखें फिट
बैलेंस डाइट का मतलब ऐसा फूड जो एनर्जी से भरपूर हो और बॉडी को मजबूत बनाए रखे।
लुधियाना (जासं) : वजन कम करने के लिए जितना जरूरी वर्कआउट होता है उतनी ही अहमियत बैलेंस डाइट की भी होती है। बैलेंस डाइट का मतलब ऐसा फूड जो एनर्जी से भरपूर हो और बॉडी को मजबूत बनाए रखे। यह कहना है क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल की एसोसिएट प्रोफेसर व चीफ डाइटीशियन डॉ. रूमा सिंह का। डॉ. रूमा कहती हैं कि अगर वास्तव में आप वजन कम करना चाहते हैं तो सब कुछ खाइए, लेकिन एक तरीके के साथ। जैसे कि फिट व एनर्जेटिक रहने के लिए दिन की शुरुआत पौष्टिक ब्रेक फास्ट से करें। ब्रेक फास्ट सुबह आठ बजे तक हो जाना चाहिए, जिसमें दूध, दलिया, कॉर्नफ्लैक्स और मल्टी ग्रेन ब्रेड के साथ एक फ्रूट जरूर शामिल करें। स्प्राउट्स या दूध के साथ ड्राई फ्रूटस भी ले सकते हैं। इसके दो घंटे बाद मौसमी फ्रूट ले सकते हैं और रोजाना रंग के हिसाब से अलग-अलग फल खाना सेहत के लिए बेहतर होगा। मौसमी फल का जूस भी पी सकते हैं, जबकि लंच दोपहर एक से दो बजे कर लेना सही है। लंच में चपाती के साथ हरी सब्जियां, दालों को शामिल किया जा सकता है। सलाद और दही को अपने खाने में भी शामिल करना फायदेमंद होगा, जबकि डिनर रात आठ से नौ बजे तक कर लेना उचित है। रात को लाइट फूड लें। डिनर में पराठे की जगह रोटी, कम मसाले वाली कोई भी मौसमी सब्जी लें। कोशिश करें कि रात में चपाती की संख्या कम हो, उसकी जगह सब्जी अधिक खाएं। डिनर के एक घंटे बाद सोने से डेढ़ घंटा पहले रात में सोते समय एक कप बगैर मलाई वाला दूध लें। जिन लोगों का वजन अधिक है, वह जंकफूड, फास्टफूड, तले हुए स्नैक्स, पकौड़े, मिठाई, बाहर बिकने वाली ड्रिंक्स से परहेज करें। यदि ऐसा कुछ खाना चाहते हैं तो उसे घर में ही बनाएं। कई लोग मीठे के बिना रह नहीं सकते है। ऐसे लोग मीठे के तौर स्टीविया ले सकते हैं। यह मार्केट में लिक्वड, पाउडर व पत्तियों के रूप में आसानी से मिल जाता है। डॉ. रूमा के अनुसार लोग अकसर इंटरनेट, अनक्वालीफाइड व लोगों से सुनकर अपने लिए डाइट प्लान तैयार करवा लेते हैं। जो कि उचित नहीं हैं। हमेशा जब कभी भी वजन कम करने के लिए डाइट प्लान की सोच रहे हैं, तो एक क्वालीफाइड व अनुभवी डाइटीशियन से ही डाइट प्लान तैयार करवाएं। ताकि साइड इफेक्ट न हो। डॉ. रूमा सिंह कहती हैं कि बहुत से लोग वजन कम करने के लिए खुद को एक दिन व दो दिन भूखा रखते हैं। जो कि उचित नहीं। वह कहती हैं कि भूखा रहना या खाना कम खाना डायटिंग नहीं कहलाता। दिनभर भूखे रहने से शरीर में एनर्जी काफी कम हो जाती है उसके बाद शाम को या तो हम एनर्जी के नाम पर अचानक से कुछ मीठा खाते हैं या ये सोचकर ज्यादा खाना खा लेते हैं कि हमने सुबह से कुछ नहीं खाया। इस तरह से वजन कम होने की बजाय बढ़ता है। यहां यह भी ध्यान देना जरूरी है कि यदि कोई वजन कम कर रहा है, तो उसे आगे भी मेनटेन रखें। ऐसा नहीं होना चाहिए कि यदि किसी ने दस किलो वजन घटा लिया है, तो उसके बाद फिर से गलत खानपान व लाइफ स्टाइल को फॉलो करना शुरू कर दें। ऐसा करने से वजन फिर से तेजी से बढ़ना शुरू हो जाता है।