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उल्टा चश्माः एक दिन की चांदनी, फिर अंधेरा; वाहवाही लूट फिर नहीं लौटे विधायक

विभाग ने कनेक्शन जोडऩे का अपराध करने पर बैंस के खिलाफ केस भी दर्ज करवाया लेकिन जिनके कनेक्शन जोड़े थे वह मुफ्त में मारे गए।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 07:48 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 07:48 PM (IST)
उल्टा चश्माः एक दिन की चांदनी, फिर अंधेरा; वाहवाही लूट फिर नहीं लौटे विधायक
उल्टा चश्माः एक दिन की चांदनी, फिर अंधेरा; वाहवाही लूट फिर नहीं लौटे विधायक

जालंधर [शाम सहगल]। कहावत है कि 'चार दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात'। लेकिन यहां तो एक दिन की ही चांदनी हुई और अगले दिन फिर अंधेरा पसर गया। दरअसल, लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने पावरकॉम के बीस डिफाल्टरों के काटे गए बिजली कनेक्शन जोडऩे के बाद प्रेस कांफ्रेस करके खूब वाहवाही भी लूटी थी। लेकिन बैंस की यह दी हुई चांदनी सिर्फ एक रात ही रही, अगले ही दिन पावरकॉम ने इसे गैर कानूनी बताते हुए फिर से डिफाल्टरों के कनेक्शन काट दिए। विभाग ने कनेक्शन जोडऩे का अपराध करने पर बैंस के खिलाफ केस भी दर्ज करवाया लेकिन जिनके कनेक्शन जोड़े थे वह मुफ्त में मारे गए। अब विधायक महोदय तो केस लड़ लेंगे लेकिन जो बिजली के बिल नहीं भर पा रहे थे वह अब वकील के लिए पैसे कहां से लाएंगे। कनेक्शन जुडऩे पर भंगड़े डालने वाले अब चिंता के अंधेरे में डूबे हैं।

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सरकारी स्कीमों पर सियासत हावी

गरीबों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीमों पर सियासत हावी हो रही है। पंजाब सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आटा-दाल स्कीम के तहत नीले कार्ड तैयार करने से लेकर इस पर दी जा रही सस्ती गेहूं के वितरण तक पर भारी सियासत हो रही है। सत्ताधारी पार्टी के नेता विपक्षी पार्टी के समर्थकों के कार्ड बनाने में तो परहेज कर ही रहे हैं साथ ही उन्हें गेहूं की पर्ची देने में आनाकानी की जा रही है। हाल ही में मकसूदां इलाके में ऐसा ही मामला हुआ। कांग्रेस पार्षद के पति ने गरीबों को गेहूं की पर्ची देने में मनमर्जी की तो लोगों ने इसका विरोध किया। जब हालात बिगड़े तो बैकफुट पर आकर स्थिति संभालनी पड़ी। हालांकि, विभाग ने इस सारे मामले से पल्ला झाड़ लिया। लेकिन, इस तरह की घटनाएं सिर्फ एक वार्ड में ही नहीं हुई बल्कि शहर के लगभग हर वार्ड में ऐसी हो रहा है।

किसी को वादी, कोई स्वादी

अलग-अलग हिस्सों में बंटी शिवसेना के फैसले भी कमाल के हैं। हिंदुत्व और हिंदुओं के अधिकारों पर पहरा देने का दावा करने वाली इन पार्टियों की नीतियां भी कमाल की है। एक तरफ शिवसेना पंजाब ने हिंदू नेताओं पर हो रहे हमलों को लेकर पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। पार्टी नेताओं ने यहां तक कहा कि हिंदू नेताओं की सुरक्षा को लेकर राज्य की पुलिस गंभीर नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ शिवसेना हिंद का अपना ही राग है। यह पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली के ही गुणगान गा रही है। पुलिस की पीठ थपथपाते हुए उच्चाधिकारियों को सम्मानित करने का फैसला भी लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष ईशांत शर्मा ने गैंगस्टरों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को सराहा है। समाज में शिवसेना का बैनर लेकर सक्रिय संस्थाओं के पदाधिकारियों की हालत किसी को वादी (गैस की समस्या से ग्रस्त) और कोई स्वादी (मजा लेना)।

सियासत से ऊपर जन सेवा

जिले के सिख संगठनों ने इस बार सियासत से ऊपर उठकर समूची संगत की सेवा का फैसला किया है। दरअसल, इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर लोगों में काफी दहशत का माहौल है। सरकार व प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद लोगों में कोरोना वायरस का भय कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। इसी के चलते मास्क से लेकर सैनिटाइजर तक की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। ऐसे में जिले के सिख संगठनों ने दरियादिली दिखाते हुए मास्क निशुल्क बांटने का फैसला लिया है। यही नहीं जिले में होने वाले सिख धर्म से संबंधित कई राज्य स्तरीय आयोजन भी रद्द कर दिए हैं। संगत के स्वास्थ्य को देखते हुए जिन आयोजनों में भीड़ एकत्रित होती है उन्हें चाल दिया है। गुरु घरों में भी समागम शुरू करने से पहले लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है।


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