'निर्भीक वक्ता और समन्वयवादी महापुरुष थे सुमन मुनि महाराज'
उत्तर भारतीय प्रवर्तक प्रज्ञा महर्षि इतिहास केसरी महाश्रमण गुरुदेव सुमन मुनि श्रमण महाराज का बीते शुक्रवार को निधन हो गया था।
संस, लुधियाना : उत्तर भारतीय प्रवर्तक प्रज्ञा महर्षि इतिहास केसरी महाश्रमण गुरुदेव सुमन मुनि श्रमण महाराज का बीते शुक्रवार को निधन हो गया था। उनकी गुणगान व श्रद्धांजलि सभा एसएस जैन स्थानक सुंदर नगर में सोमवार को संपन्न हुई। इस दौरान गुरुदेव अरुण मुनि, डा. राजेंद्र मुनि, रमेश मुनि, आलोक मुनि, महासाध्वी वीणा महाराज, महासाध्वी मीना महाराज, साध्वी मनीषी, साध्वी अलका ने गुरुदेव सुमन मुनि को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मंच संचालन आल इंडिया जैन कांफ्रेंस पंजाब चैप्टर-2 के अध्यक्ष राकेश जैन लक्की ने किया। मानव रत्न रामकुमार जैन ने कहा कि सुमन मुनि महाराज निर्भीक वक्ता और समन्वयवादी महापुरुष थे। उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में भी महान कार्य किए। साहित्य रत्न डा. मुलख राज जैन ने सुमन मुनि को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह जाति व ज्ञान के अभिमान से ऊपर उठ चुके थे। उन्होंने समस्त जीवन श्रमण संघ की सेवा में लगा दिया। राकेश जैन लक्की ने कहा कि गुरुदेव ने अपने जीवन में पदयात्रा कर हजारों लोगों को ज्ञान का भंडार दिया। संजीव जैन आत्मा ने कहा कि गुरुदेव सिद्धांतवादी व स्पष्टवादी और संघटित के लिए प्रबल पुरुषार्थी थे।
इस दौरान अध्यक्ष राकेश जैन लक्की, एसएस जैन सभा सुंदर नगर के अध्यक्ष संजय जैन निशा, एसएस जैन सभा रूपा मिश्रा गली के संरक्षक मोती लाल जैन, सतपाल जैन, अध्यक्ष अशोक जैन, अश्विनी जैन सन ब्राइट, प्रमोद जैन, रविदर जैन भ्राता, न्यू किचलू नगर के अध्यक्ष जितेंद्र जैन रेशम, मनधीर जैन, सुरेंद्र जैन कांप्लेक्स, सूरज टीचा, मनोहर लाल जैन स्वीटी, विनोद जैन, पूनम जैन, नरेश जैन दुग्गड, जनक राज जैन, संजीव जैन राजन जैन केपी, मुलख राज जैन, उमेश जैन बठिडा, ललित जैन रायकोट, कुलभूषण जैन जनता नगर जैन स्थानक आदि गणमान्य मौजूद रहे।