सांसद बिट्टू की चेतावनी बेअसर, चार बार बढ़ी डेडलाइन.. लेकिन नहीं बना जगराओं पुल Ludhiana News
पुल निर्माण में अभी तक पिल्लर का वर्क ही पूरा हुआ है जबकिं उपरी वर्क में कोई तेजी नहीं आने से योजना अधर में लटकी हुई है।
लुधियाना, जेएनएन। शहर में अधूरे प्रोजेक्टों के कारण लोगों की आफत कम होने का नाम नहीं ले रही है। जनता के प्रतिनिधि भी इसको लेकर गंभीर नहीं है। शायद यही कारण है कि उनकी हिदायतों और चेतावनी का निर्माण कंपनियों व उनके अधिकारियों पर इसका असर नहीं हो रहा है। कुछ ऐसा ही जगराओं रेल पुल के निर्माण में हो रहा है। इस प्रोजेक्ट की तीन डेडलाइन अब बीत चुकी है और चौथी 30 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी। सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने निर्माण कंपनी को 30 अक्टूबर तक डेडलाइन देते हुए काम पूरा करने को कहा था पर ऐसा नहीं हो पाएगा।
पुल निर्माण में अभी तक पिल्लर का वर्क ही पूरा हुआ है जबकिं उपरी वर्क में कोई तेजी नहीं आने से योजना अधर में लटकी हुई है। निर्माण कंपनी की लेटलतीफी पर सांसद बिट्टू ने कहा कि इस मामले को वह लोकसभा में उठाते हुए रेलमंत्री को घेरेंगे और पूछेंगे कि रेल पुल को कब तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पब्लिक की परेशानी उन्हें पता है जिसको लेकर वहरेलमंत्री से कई बार बात कर चुके है। उन्होंने बताया कि कांट्रेक्टर ने लगातार झूठ बोलकर पुल निर्माण को तीन वर्ष लेट कर दिया है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष में मार्च, जून, जुलाई में और अब 30 अक्टूबर की डेडलाइन भी खत्म हो जाएगी। इस तरह देखा जाए तो तीन वर्ष में करीब छह बार डेडलाइन बीतने के बाद भी रेल विभाग कांट्रेक्टर कंपनी के खिलाफ कोई सख्त एक्शन नहीं ले पाया है।
कांट्रेक्टर को बचा रहे रेल अधिकारी
निर्माण कंपनी की लापरवाही के कारण रेल पुल लेट हो गया जिसके अरोप में कांट्रेक्टर को जून में रोजाना 1000 रुपये जुर्माना लगाने की बात रेल अधिकारी ने कही। इससे पहले भी कांट्रेक्टर पर जुर्माना लगाने का दावा रेल अधिकारी करते रहे लेकिन आलम है कि कांट्रेक्टर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। वहीं रेलवे सूत्र बताते हैं कि इस योजना में शीर्ष अधिकारी की मिलीभगत है जिससे कांट्रेक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बताया गया कि टेंडर धारक अमृतसर में भी इसी तरह की पैंतराबाजी करता रहा है और रेलवे की तरफ से कार्रवाई करने पर रेल विभाग को ही कोर्ट में घसीट दिया था। इसके बाद भी इस कंपनी को रेलवे की ओर से कांट्रेक्ट मिल रहा है। इससे साफ हो रहा है कि शीर्ष रेल अधिकारी की मिलीभगत है।
नार्दर्न रेलवे कार्यालय से डीलिंग : डीआरएम
जगराओं रेल पुल निर्माण तीन वर्ष लेट होने और डेडलाइन पर डेडलाइन बीतने के बारे में फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम राजेश अग्रवाल का कहना है कि इस योजना की डीलिंग नार्दर्नं रेलवे कार्यालय दिल्ली से है और पूरी जानकारी वहीं से मिल पाएगी।
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