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ग्रैंड मैनर होम्स प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की जांच पूरी, काम शुरू करने के लिए कमेटी ने तय की शर्तें Ludhiana News

जांच के बाद कमेटी ने नगर निगम कमिश्नर को कहा है कि जिन-जिन पहलुओं की शिकायत की गई थी उनके दस्तावेजों को वेरीफाई करवाकर ही प्रोजेक्ट को दोबारा से शुरू करवाने की अ

By Sat PaulEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 12:29 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 12:29 PM (IST)
ग्रैंड मैनर होम्स प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की जांच पूरी, काम शुरू करने के लिए कमेटी ने तय की शर्तें Ludhiana News
ग्रैंड मैनर होम्स प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की जांच पूरी, काम शुरू करने के लिए कमेटी ने तय की शर्तें Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। आरके बिल्डर्स के ग्रैंड मैनर होम्स प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के आरोपों की जांच करने के लिए बनाई गई कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर दी है। जांच के बाद कमेटी ने नगर निगम कमिश्नर को कहा है कि जिन-जिन पहलुओं की शिकायत की गई थी उनके दस्तावेजों को संबंधित विभागों से वेरीफाई करवाकर ही प्रोजेक्ट को दोबारा से शुरू करवाने की अनुमति दी जाए। पिछली जांच रिपोर्ट में जिन तथ्यों पर आपत्तियां जताई गई थीं उनमें से ज्यादातर पर कमेटी ने बिल्डर को एनओसी जमा करवाने को कह दिया है।

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इस प्रोजेक्ट की शिकायत मिलने पर पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने नगर निगम के तत्कालीन डीएसपी बलविंदर सिंह से मामले की जांच करवाई थी। जांच रिपोर्ट में कई तरह की खामियां सामने आई थीं। नवंवर के पहले सप्ताह में स्थानीय निकाय विभाग के तत्कालीन डायरेक्टर करनेश शर्मा के नेतृत्व में कमेटी ने गिल रोड स्थित ग्रैंड मैनर होम्स के अंदर जाकर जांच की और उसके बाद फिर से प्रोजेक्ट को सील कर दिया था।

अपनी जांच रिपोर्ट में कमेटी ने कहा कि उस दिन मौके पर जांच में पाया गया कि वहां पर लंबे समय से काम बंद था। इसके अलावा जांच में यह बात भी सामने आई है कि प्रोजेक्ट के सामने वाले सुए में लंबे समय से पानी नहीं गया, क्योंकि आसपास अब खेती योग्य जमीन नहीं है। इसके अलावा खसरा नंबर को लेकर जो विवाद था उस संबंध में भी नगर निगम के कानूनगो व पटवारी ने दस्तावेज दिए हैं उसके हिसाब से खसरा नंबरों की मलकियत बिल्डर के पास है। इसके अलावा बिजली की हाईटेंशन तारों पर जो ऑब्जेक्शन था अब उसे भी दूर किया जा चुका है।

स्ट्रक्चर के संबंध में भी सवाल खड़े किए गए थे, जिस पर जांच टीम ने निगम अफसरों को हिदायतें दी हैं कि स्ट्रक्चर सेफ्टी सर्टिफिकेट सरकारी विभाग से जारी करवाया जाए और उसके बाद ही अलॉटमेंट की जाएगी। हालांकि इस जांच रिपोर्ट के बारे में अभी तक कोई भी अफसर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। शिकायतकर्ता संदीप गुप्ता ने स्थानीय निकाय मंत्री को शिकायत दी है कि जांच कमेटी की तरफ से तय की गई शर्तों को पूरा करवाने वाले अफसरों पर पूरी नजर रखी जाए। क्योंकि इसमें भी गड़बड़ी की जा सकती है। फिलहाल इस संबंध में जब निगम कमिश्नर से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं रिसीव हुआ।

जांच कमेटी की तरफ से सील खोलने के लिए तय की गई शर्तें

  • खसरा नंबरों को डिप्टी कमिश्नर से निगम कमिश्नर करवाएंगी वेरीफाई।
  • बिल्डर से सभी तरह की फीस जमा हो और किसी तरह का बकाया न हो।
  • सुए के ऊपर बनाई जाने वाली सड़क के संबंध में नहरी विभाग से एनओसी ली हो।
  • विभाग से अगर किसी तरह की एनओसी लेनी बाकी है तो उसे पूरा किया जाए।
  • काम बंद होने के कारण सरिए को जंग लग गया है, जिससे उसकी मजबूती पर कोई असर न हुआ हो। इस संबंध में भी संबंधित विभाग से सर्टिफिकेट लिया जाए।

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