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पहली ही स्टेज में रोकना होगा अवैध निर्माण, वरना कमिश्नर होंगे जिम्मेदार

शहर में अवैध निर्माण होने और समय पर कार्रवाई नहीं करने पर बिल्डिंग ब्रांच पर शुरू से सवाल खड़े होते रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 07:00 AM (IST)
पहली ही स्टेज में रोकना होगा अवैध निर्माण, वरना कमिश्नर होंगे जिम्मेदार
पहली ही स्टेज में रोकना होगा अवैध निर्माण, वरना कमिश्नर होंगे जिम्मेदार

जासं, लुधियाना : शहर में अवैध निर्माण होने और समय पर कार्रवाई नहीं करने पर बिल्डिंग ब्रांच पर शुरू से सवाल खड़े होते रहे हैं। बिल्डिंग इंस्पेक्टरों को अवैध निर्माण तब दिखता है जब लोग दो-दो तीन-तीन मंजिलें खड़ी कर देते हैं। इस मामले में बिल्डिंग ब्रांच के अफसरों की भूमिका पर पर खुद कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की पत्नी ममता आशु भी सवाल खड़े कर चुकी हैं।

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मामला कुछ माह पूर्व लोकपाल पंजाब के पास पहुंचा तो उन्होंने निगम कमिश्नर को कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन तत्कालीन निगम कमिश्नर ने ऐसा नहीं किया। इस पर आरटीआइ एक्टिविस्ट रोहित सभ्रवाल ने फिर से शिकायत भेजी तो लोकपाल ने शहर में अवैध निर्माण के लिए निगम कमिश्नर को सीधे तौर पर जिम्मेदार बताया है और उनकी जिम्मेदारी तय कर दी। अब हरकत में आए निगम कमिश्नर ने बिल्डिंग ब्रांच को निर्देश जारी कर सभी अवैध निर्माणों को पहले स्तर पर ही रोकने को कह दिया है। चारों जोनों के एटीपी ने भी अपने अधीन आने वाले बिल्डिंग इंस्पेक्टरों को आदेश जारी कर दिए हैं कि अवैध निर्माण शुरू होते ही रुकवा दिया जाए और उन्हें नक्शा पास करवाने के लिए कहें। अगर वह नक्शा पास नहीं करवाते हैं तो निर्माण न होने दें। लोकपाल को शिकायत में यह कहा

आरटीआइ एक्टिविस्ट रोहित ने नगर निगम बिल्डिंग ब्रांच में फैले भ्रष्टाचार की शिकायत लोकपाल पंजाब के पास की थी। उन्होंने शिकायत में कहा था कि बिल्डिंग ब्रांच के अफसर अवैध निर्माण को पहले स्तर पर नहीं रोकते हैं जबकि मालिक दो या तीन मंजिलें बना देता है तब वह उन्हें कार्रवाई के नाम पर डराते हैं। अगर मालिक ने रिश्वत नहीं दी तो उनका भारी भरकम चालान काट दिया जाता है। इससे निगम को भी आर्थिक नुकसान होता है। इस शिकायत पर लोकपाल पंजाब ने तत्कालीन कमिश्नर को आदेश दिए थे कि इस पर नकेल डाली जाए। कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से लोकपाल को शिकायत की। मंत्री की पार्षद पत्नी ममता आशु ने भी उठाया था मुद्दा

नगर निगम हाउस की तरफ से गठित की गई सीएलयू कमेटी की बैठक में पार्षद ममता आशु ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने भी कहा था कि बिल्डिंग ब्रांच के अफसर पहली स्टेज पर क्यों नहीं काम रोक देते। उन्होंने कहा था कि जब पूरी इमारत खड़ी हो जाती है तो उसके बाद बिल्डिंग इंस्पेक्टर कार्रवाई करने पहुंच जाते हैं। उसके बाद कमेटी ने बिल्डिंग इंस्पेक्टरों की जिम्मेदारी तय की थी कि अगर उनके इलाके में कोई भी अवैध निर्माण हुआ तो इसके लिए सीधे तौर पर वही जिम्मेदार होंगे।


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