वैट रिफंड के 600 करोड़ रुपये अटके; सरकारी खजाने में पैसा नहीं, उद्यमी हो रहे परेशान
वित्तमंत्री और उद्योगमंत्री सहित प्रदेश सरकार की ओर से बार बार कहे जाने के बावजूद वैट रिफंड क्लीयर नहीं हो पा रहा। अभी तक 600 करोड़ रुपये के करीब वैट रिफंड लटका पड़ा है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (टैक्स) को लागू हुए डेढ़ साल से अधिक का समय बीत चुका है। बावजूद इसके इंडस्ट्री अभी भी पुरानी प्रक्रिया के तहत वैट रिफंड न मिलने से परेशान है। वित्तमंत्री, उद्योगमंत्री सहित प्रदेश सरकार की ओर से बार बार कहे जाने के बावजूद वैट रिफंड क्लीयर नहीं हो पा रहा। कारोबारी संगठनों के मुताबिक अभी तक 600 करोड़ रुपये के करीब वैट रिफंड लटका पड़ा है। वहीं विभाग का कहना है कि धीरे-धीरे वैट रिफंड किया जा रहा है। विभाग का दावा है कि उनके पास केवल 150 करोड़ रुपये का वैट रिफंड बकाया है। सरकारी खजाने में पैसे आने पर विभाग की ओर से शीघ्र इसे जारी कर दिया जाएगा। इसको लेकर उद्योगमंत्री ने लुधियाना में आयोजित बैठकों में 31 दिसंबर तक सारा रिफंड क्लीयर करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक वैट रिफंड नहीं हुआ है। इसी प्रकार वित्त मंत्री मनप्रीत बादल भी लुधियाना के उद्यमियों को कई बार वैट रिफंड शीघ्र देने की बात कह चुके हैं। ऐसे में रिफंड न मिलने से उद्यमियों को बैंकों का ब्याज भरना पड़ रहा है।
पहले पुराना बकाया दिया जाए: अग्रवाल
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश सचिव मोहिंदर अग्रवाल के मुताबिक सरकार की ओर से प्रक्रिया को तो बदल दिया गया, लेकिन पुराने वैट रिफंड रोककर व्यापारियों को ब्याज भरने की लिए छोड़ दिया गया है। इसके साथ ही पुराने असेसमेंट केस को लेकर भी व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। इसके लिए सरकार को कदम उठाने की जरूरत है। सब्सिडी या लाभ देने से पहले पुराने बकाया दिया जाएं।
वैट रिफंड को शीघ्र जारी करना चाहिए: नवयुग
यूसीपीएमए के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह नवयुग के मुताबिक, सरकार की ओर से वैट रिफंड को शीघ्र जारी करना चाहिए। पहले ही कई साल बीत चुके हैं। प्रक्रिया को बदले भी अब डेढ़ साल बीत गया है, सरकार को इंडस्ट्री के बकाया रिफंड शीघ्र देने चाहिए।
इंडस्ट्री पहले ही कैपिटल कम होने से परेशान: डावर
निटवियर क्लब के प्रधान दर्शन डावर के मुताबिक सरकार को बकाया की किश्तें जल्दी देनी चाहिए। इंडस्ट्री पहले ही कैपिटल कम होने की वजह से परेशान है। इसलिए वैट रिफंड शीघ्र देने चाहिए।
सरकार इंडस्ट्री की कोई सुनवाई नहीं कर रही : कुलवंत
चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीयल एंड ट्रेडिंग एसोसिएशन के प्रधान कुलवंत सिंह एनकेएच के मुताबिक कई बैठकों के बाद नतीजा नहीं निकल पा रहा। सरकार की ओर से इंडस्ट्री की कोई सुनवाई नहीं की जा रही। जो चिंता का विषय है। सरकार को इस दिशा में जल्द से जल्द उठाना चाहिए, ताकि कारोबारियों की समस्याअों का स्थायी हल निकाला जा सके।
विभाग फंड आते ही देगा रिफंड: डीईटीसी
डीईटीसी पवन गर्ग के मुताबिक विभाग के पास पुरानी प्रक्रिया के तहत 150 करोड़ रुपये वैट रिफंड अटका हुआ है। इसको लेकर सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जैसे ही विभाग के फंड आएगा, तभी रिफंड जारी कर दिया जाएगा। पिछले एक साल में साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये के फंड में से 200 करोड़ रुपये का रिफंड दिया गया है। विभाग के पास फंड की कमी के चलते रिफंड देने में परेशानी हो रही है।