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श्रमिकों की वापसी के लिए भी ट्रेनें चलाए सरकार, लेबर की कमी से प्रोडक्‍टशन पर असर

उद्यमियों का कहना है कि सरकार ने जिन मुफ्त ट्रेनों में श्रमिकों को भेज रही है। अब जो श्रमिक वापस आना चाहते हैं उन्हें वापस भी लाया जाए। कई कर्मचारी वापस आना चाहते हैं।

By Sat PaulEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 04:13 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 04:13 PM (IST)
श्रमिकों की वापसी के लिए भी ट्रेनें चलाए सरकार, लेबर की कमी से प्रोडक्‍टशन पर असर
श्रमिकों की वापसी के लिए भी ट्रेनें चलाए सरकार, लेबर की कमी से प्रोडक्‍टशन पर असर

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। रोजाना बीस हजार से अधिक श्रमिकों के पलायन करने से औद्योगिक नगरी लुधियाना में लेबर की किल्लत सताने लगी है। उद्योगों ने कई दिन के बाद कारखाने शुरू तो कर दिए हैं, लेकिन अभी प्रोडक्शन पूर्ण रूप से पटरी पर नहीं आ पा रही है। इसकी मुख्य वजह लेबर का घर वापस चले जाना है। इसे लेकर उद्यमी चिंतित हैं, क्योंकि लेबर के चले जाने से उनका काम किसी ओर से करवाने के लिए ट्रेनिंग देने की जरूरत है। ऐसे में इंडस्ट्री का प्रोडक्शन प्रोसेस बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

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उद्यमियों का कहना है कि सरकार ने जिन मुफ्त ट्रेनों में श्रमिकों को भेज रही है। अब जो श्रमिक वापस आना चाहते हैं, उन्हें वापस भी लाया जाए। कई कर्मचारी वापस आना चाहते हैं, लेकिन वापसी का साधन न होने के कारण वहीं फंस गए हैं।

फीको प्रधान गुरमीत सिंह कुलार के मुताबिक लेबर के चले जाने से सबसे बड़ी समस्या इंडस्ट्री के लिए खड़ी हो गई है। अब कारखाने शुरू हो गए हैं और प्रोडक्शन के लिए भारी संख्या में लेबर की डिमांड है, जबकि फ्री सफर होने के कारण लेबर घरों की ओर रुख कर रही है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि मुफ्त सफर को बंद कर देना चाहिए।

यूसीपीएमए के प्रधान डीएस चावला के मुताबिक लेबर की वापसी न होना हमारे लिए गंभीर चिता का विषय है। सरकार को मुफ्त ट्रेनें चलानी है, तो वापसी को लेकर भी चलाई जाए। भारी संख्या में लेबर वापसी का साधन न होने के कारण रुक गई है। इस पर तत्काल सरकार को ध्यान देकर राहत देनी चाहिए।

सीआइसीयू प्रधान उपकार सिंह आहुजा के मुताबिक स्किलड़ मैनपावर को तैयार करना आसान नहीं है। इसके साथ ही मौजूदा कर्मचारी सारी प्रोसेसिग और प्रोडक्शन को जानते हैं। ऐसे में इतनी संख्या में लेबर का पलायन कोविड-19 के बाद हमें सबसे बड़ा नुकसान देगा। सरकार को इसपर विचार कर इंडस्ट्री के हितों का ध्यान रखना चाहिए।

जिला उद्योग केंद्र ने मांगा इंडस्ट्री डिमांड का डाटा

जिला उद्योग केंद्र ने सारी इंडस्ट्री को एक फार्म भरने के लिए कहा है। इसमें उद्योगों को जिस-जिस विभाग में कर्मचारियों की आवश्यकता है। इसको लेकर फार्म भरके देंगे। इसके आधार पर इंडस्ट्री को जिला रोजगार कार्यालय की मदद से स्किलड़ लोगों की कमी को पूरा करने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही रोजगार कार्यालय की ओर से भी युवाओं को रजिस्टर्ड करने के लिए कहा जा रहा है। ताकि दोनों विभाग तालमेल बनाकर इंडस्ट्री की डिमांड पूरी करने के साथ साथ युवाओं को रोजगार मुहैया करवा सकें।

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