बदल रहा सामाजिक परिदृश्य बना रहा मानसिक रोगी: डॉ. अंवस्थी
इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी (आइपीएस) नॉर्थ जोन की ओर से रविवार को एनुअल मिड टर्म सीएमई करवाई गई।
जासं, लुधियाना : इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी (आइपीएस) नॉर्थ जोन की ओर से रविवार को एनुअल मिड टर्म सीएमई करवाई गई। इसमें पीजीआइ चंडीगढ़ में साइकेट्रिक विभाग के प्रमुख व प्रोफेसर डॉ. अजीत अवस्थी ने बताया कि लगातार बदल रहा सामाजिक परिदृश्य लोगों को मानसिक रोगी बना रहा है। यह मनोचिकित्सकों के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में मनोचिकित्सा के फील्ड में एडवांस टेक्नीक समय की जरूरत है। सीएमई के ऑर्गनाइजिग चेयरपर्सन डॉ. राजीव गुप्ता ने कहा कि सीएमई की थीम साइकेट्रिक के फील्ड में नई डवलपमेंट है। ऑर्गनाइजिग सेक्रेटरी व एसपीएस हॉस्पिटल के सीनियर साइकेट्रिस्ट डॉ. संदीप गोयल ने बताया कि सीएमई में उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर व दिल्ली से 200 से अधिक मनोचिकित्सकों ने हिस्सा लिया। इसमें 14 रिसर्च पेपर पेश किए गए। बेंगलुरु से आए डॉ. सुरेश बडा मट्ठ ने टेलिस्पाइकियाट्री यूनिट को स्थापित करने की तकनीक पर वर्कशॉप करवाई। चंडीगढ़ से आए डॉ. संदीप ग्रोवर ने मेटाबोलिक सिड्रोम के बारे में जानकारी दी। इस दौरान बायोलॉजिक्टल मनोरोग पर डिबेट भी कराई गई। इसमें डॉ. अजीत अवस्थी, दिल्ली के डॉ. राजेश नागपाल, चंडीगढ़ के डॉ. बीएस चौहान, कोलकाता के डॉ. भास्कर मुखर्जी व चंडीगढ़ के डॉ. प्रमोद कुमार ने हिस्सा लिया। उन्होंने साइकेट्रिक हेल्थ में एप की महत्ता और युवा मनोचिकित्सकों के लिए नई चुनौतियों पर विचार पेश किए। फरीदकोट से आए डॉ. अरविद ने पीजी ट्रेनिग के दौरान सामने आने वाले ब्लाइंड स्पॉट्स और उन्हें ठीक करने पर चर्चा की। आइपीएस के प्रधान डॉ. ब्रह्मदीप सिधू और जनरल सेक्रेटरी डॉ. एबी माजिद ने भी विचार रखे।