पर्यावरण बचाने की बेमिसाल मुहिम : आयकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर बना चुके हैं 15 मिनी जंगल Ludhiana News
पर्यावरण संभाल को लेकर उनके द्वारा किए कार्यों को देखते हुए मेहरा की पहचान अब ग्रीन मैन के तौर पर भी बन गई है।
जेएनएन, लुधियाना। बढ़ते प्रदूषण के चलते पर्यावरण संतुलत तेजी से बिगड़ रहा है, इसे बचाने के लिए जहां स्वयंसेवी संगठन और अन्य संस्थान आगे आ रहे हैं, वहीं आयकर विभाग में एडिशनल कमिश्नर रोहित मेहरा भी पर्यावरण को लेकर काफी सक्रिय हैं। पंजाब में ही नहीं बल्कि देश के कई शहरों में वर्टिकल गार्डन, सीड बॉल के वितरण के बाद अब उनका फोकस मिनी जंगल बनाने पर है। वे अब तक जन सहयोग से पंद्रह मिनी जंगल बना चुके हैं और यह अभियान जारी है। पर्यावरण संभाल को लेकर उनके द्वारा किए कार्यों को देखते हुए मेहरा की पहचान अब ग्रीन मैन के तौर पर भी बन गई है।
एडिशनल कमिश्नर रोहित मेहरा ने कहा कि हाल ही में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआइआइ) एवं नगर निगम के साथ तालमेल किया गया है। इसके तहत सबसे अधिक प्रदूषित इलाके फोकल प्वाइंट में मिनी जंगल बनाया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इन जंगलों को नानक वन और वैदिक वन का नाम दिया जा रहा है।
599 वर्ग फीट से चार एकड़ तक तैयार हो रहे ये वन
मेहरा ने कहा कि मिनी जंगल 599 वर्ग फीट से लेकर चार एकड़ तक जमीन में तैयार किए जा रहे हैं। ये जंगल औद्योगिक इकाइयों, बेकार पड़ी जमीनों, स्कूल, प्लॉट एवं संस्थानों के परिसरों में बनाए जा रहे हैं। लुधियाना के अलावा जीरा, जगराओं, अमृतसर, सूरत, वड़ोदरा इत्यादि में ऐसे जंगल बनाए गए हैं।
इस तरह तैयार करते हैं जमीन
ये जंगल मियावाकी तकनीक एवं वृक्षयुर्वेदा के सिद्धांतों के आधार पर लगाए जा रहे हैं। पौधे लगाने से पहले जमीन को ढाई फीट तक खोद कर देसी खाद से तैयार किया जाता है। जमीन को प्राकृतिक तरीके से जंगल के लिए तैयार करने के बाद ही उसमें पौधे लगाए जाते हैं। इन जंगल में नीम, आंवला, बेहरा, हरड़, अर्जुन, कनेर, अशोका, हारङ्क्षशगार, गिलोए, चमेली, बेल इत्यादि पौधे लगाए जाते हैं। ये मिनी जंगल तीस गुणा ज्यादा धनत्व एवं दस गुणा तेजी से बढ़ते हैं। ऐसे जंगल पक्षियों को भी आकर्षित करते हैं। जब जंगल विकसित हो जाएंगे तो चिडिय़ों की चहचहाट फिर से सुनने को मिलेगी।
लोगों में जंगल स्थापित करने के लिए बढ़ रहा क्रेज
मेहरा का मानना है कि लोगों में भी मिनी जंगल बनवाने का क्रेज बढ़ रहा है। ये अपने आसपास ऑक्सीजन और आबो हवा को और बेहतर बना देते हैं, जोकि मानव की तंदुरुस्ती के लिए काफी जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस मिशन में समाज के हर वर्ग के लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
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