'अपने भीतर ध्यान में डूबो, परमात्मा से मेल हो जाएगा'
एसएस जैन स्थानक किचलू नगर में डा. राजेंद्र मुनि सुरेंद्र मुनि के सान्निध्य में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक किचलू नगर में डा. राजेंद्र मुनि, सुरेंद्र मुनि के सान्निध्य में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। डा. राजेंद्र मुनि ने कहा कि परमात्मा सब ओर है। वो कभी गलत कार्य कर नहीं सकता। प्रभु को मिलने के लिए किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं है। स्वयं अपने भीतर ध्यान में डूबो, तो परमात्मा से मेल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जैसा भी कर्म करते हैं। आने वाले समय में वही हमारा भाग्य बन जाएगा। दिल ही देना है तो दुनिया को मत दो, परमात्मा को अर्पण करो। तभी तुम्हारा कल्याण होगा।
गुरुदेव ने आगे कहा कि लोहा झूले में पड़ा है। उसमें ओस के कण या गीलापन के कारण जंग लग जाता है। वही जंग उस लोहे को कमजोर कर देता है। कर्मोदय के कारण आत्मा में उत्पन्न विभाव आत्मिक गुणों को कमजोर कर देते हैं। विषय कषाय रुप दुष्प्रवृतियां ही इस आत्मा को दुखी करते हैं व दुर्गति में ले जाते हैं। भारी कर्म के कारण ही आत्मा निगोद रूप दुर्गति में चली जाती है। गुरुदेव ने स्वामी राम तीर्थ का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार जापान यात्रा के दौरान नेशनल पार्क में घूमने गए जहां देव दारु के 3-4 सौ पुराने पेड़ थे। इनकी ऊंचाई मात्र 4-5 फीट की थी जबकि देव दारु का पेड़ तो 200 से 300 फीट ऊंचाई के लिए हुए होते हैं। तब माली बोला इन्हें गमले में बढ़ाया जाता है। गमले के नीचे जड़ों को बढ़ने या फैलने नहीं देते हैं। फैलने लगे तो उसे काट दिया जाता है। इसी प्रकार कषाय रुपी कैच आत्मा के सदगुण जड़ों को काट देते हैं। इसी कारण आत्म का विकास नहीं है।