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Strike In Ludhiana: लुधियाना नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर गए, दफ्तर में सन्नाटा; जोन सी में लगाया ताला

म्यूनिसपल कर्मचारी संघर्ष कमेटी के प्रधान जगदेव सिंह सेखों हरपाल निमाणा सुरिंदर बिंद्रा तेजिंदरपाल पंछी ने बुधवार को मेयर व कमिश्नर को नोटिस दिया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने कुछ दिन पहले तीन घंटे कलम छोड़ हड़ताल करके सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया था।

By Edited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 07:37 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 11:58 AM (IST)
Strike In Ludhiana: लुधियाना नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर गए, दफ्तर में सन्नाटा; जोन सी में लगाया ताला
नगर निगम कर्मचारी हड़ताल पर हैं। (जागरण)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Strike In Ludhiana : नगर निगम कर्मचारी हड़ताल पर हैं और दफ्तर पूरी तरह बंद हैं। जोन सी में नगर निगम कर्मियों ने ताला लगा दिया। नगर निगम कर्मी पटियाला रैली में शामिल होने गए हैं। म्यूनिसिपल कर्मचारी संघर्ष कमेटी ने बुधवार को ही मेयर व कमिश्नर को एक दिन की हड़ताल का नोटिस दे दिया था और साफ कर दिया था कि वीरवार को कोई कर्मचारी काम नहीं करेगा। निगम कर्मियों ने मेयर व कमिश्नर को दिए नोटिस में कहा है कि अगर आपातकाल में निगम कर्मियों की जरूरत पड़ी तो कर्मचारी उसके लिए हाजिर रहेंगे।

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म्यूनिसपल कर्मचारी संघर्ष कमेटी के प्रधान जगदेव सिंह सेखों, हरपाल निमाणा, सुरिंदर बिंद्रा, तेजिंदरपाल पंछी ने बुधवार को मेयर व कमिश्नर को नोटिस दिया था। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने कुछ दिन पहले तीन घंटे कलम छोड़ हड़ताल करके सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया था, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा किया। उन्होंने कहा कि वीरवार को पूरे राज्य से कर्मचारी यूनियन पटियाला में रैली कर रही हैं। उस रैली में नगर निगम कर्मचारी भी हिस्सा ले रहे हैं। इसलिए वीरवार को निगम को कोई भी कर्मचारी दफ्तरों में काम नहीं करेगा।

हरदीप सिंह आरसी नहीं करवा पाए रिन्यू

समराला चौक निवासी हरदीप सिंह का बुलेट मोटरसाइकिल 15 साल से अधिक पुराना हो गया है। वे दफ्तर में आरसी रिन्यू कराने आए थे, लेकिन काम नहीं हुआ। वे पिछले कुछ माह से दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि आनलाइन सिस्टम का कोई फायदा नहीं है, लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही। गांव अयाली निवासी सन्नी ने अपनी कार को पहले टैक्सी के तौर पर रजिस्टर कराया था। अब कोविड में टैक्सी का काम कम होने के कारण वे अपनी कार को निजी कराना चाहते हैं। इसके लिए वे लगातार आरटीए दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। निजी कार का सारा टैक्स भी भर दिया है। पर काम नहीं हो रहा।


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