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अगर आप भूजल का प्रयोग करते हैं तो पढ़ लें यह खबर, एक अप्रैल से लेनी होगी अनुमति

एक अप्रैल के बाद बिना अनुमति लिए इंडस्ट्रीज ग्राउंड वाटर नहीं निकाल सकेंगी। पानी के लगातार गिरते स्तर को ध्यान में रखकर नेशनल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी की ओर से यह सख्ती की गई है।

By Edited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 10:54 AM (IST)
अगर आप भूजल का प्रयोग करते हैं तो पढ़ लें यह खबर, एक अप्रैल से लेनी होगी अनुमति
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लुधियाना [मुनीश शर्मा]।  एक अप्रैल के बाद बिना अनुमति लिए इंडस्ट्रीज ग्राउंड वाटर नहीं निकाल सकेंगी। पानी के लगातार गिरते स्तर को ध्यान में रखकर नेशनल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी की ओर से यह सख्ती की गई है। अथॉरिटी ने ग्राउंड वाटर के इस्तेमाल के लिए अनुमति लेने की बात कही है। इसके तहत कई तरह के मापदंड पूरे किए जाने को कहा गया है। इस प्रक्रिया में जितना पानी इस्तेमाल किया जाना है, उतना ही सेव करने और गांव को अडॉप्ट करने तक की शर्ते लगाई गई हैं।

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वहीं प्रक्रिया कठिन होने के चलते अब तक इंडस्ट्री इसे पूरा नहीं कर सकी है। ऐसे में इंडस्ट्री अगर 31 मार्च तक अनुमति नहीं लेती है तो डेढ़ लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से उन्हें जुर्माना देना पड़ेगा। महानगर की 4800 से अधिक इंडस्ट्री ने एनओसी के लिए किया अप्लाई लुधियाना की 4800 से अधिक इंडस्ट्री ने एनओसी के लिए अप्लाई किया है। इसमें केवल 38 कंपनियों को ही एनओसी मिल सकी है। एनओसी प्राप्त करने वाली कंपनियों में अधिकतर कंपनियां कंस्ट्रक्शन डोमेन की है। जबकि बहुत ही कम इंडस्ट्री को एनओसी मिली है। विभाग की ओर से इंडस्ट्री को साथ लगते गावों को अडॉप्ट करने की बात कही जा रही है।  

उद्यमियों ने मांगी विभाग से मोहलत, पर नहीं दिख रहे आसार

फीको के ही हजार सदस्यों को नहीं मिल रही एनओसी: गुरमीत कुलार फीको प्रधान गुरमीत ¨सह कुलार के मुताबिक सरकार की ओर से 31 मार्च तक अप्रूवल न लिए जाने वाली कंपनियों को प्रति माह डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की ओर से इंडस्ट्री को जरूरत के मुताबिक पानी मुहैया नहीं करवाया जा रहा। ऐसे में इंडस्ट्री को अपने प्रोडक्शन प्रोसेस के लिए ग्राउंड वाटर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि छोटी इंडस्ट्री जो कम पानी का इस्तेमाल करती है, उसे इससे छूट दी जानी चाहिए। फीको के ही एक हजार सदस्यों को एनओसी नहीं मिल पा रही। विभाग की ओर से शर्त रखी गई है कि 1998 के बाद वाले यूनिटों को एनओसी नहीं दी जा रही। इसका इंडस्ट्री को भारी नुक्सान होगा।

ग्राउंड वाटर के बिना काम मुश्किल: उपकार आहुजा

चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एवं कॉमर्शियल अंडरटेfकग (सीआइसीयू) के प्रधान उपकार आहुजा के मुताबिक ग्राउंड वाटर के इस्तेमाल के बिना इंडस्ट्री चला पाना मुश्किल है, क्योंकि नगर निगम की ओर से इंडस्ट्री को पर्याप्त मात्रा में पानी मुहैया नहीं करवाया जा रहा है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में भारी कठिनाई हो रही है। सरकार को इसके लिए समय बढ़ाना चाहिए ताकि हर कोई इसकी एनओसी ले सके।

एनओसी लेने के लिए प्रक्रिया बेहद कठिन: राजन गुप्ता

केपी इंडस्ट्री के राजन गुप्ता के मुताबिक फैसले ऐसे लिए जाएं, जिससे इंडस्ट्री को भी नुकसान न हो और पर्यावरण की भी संभाल हो। उन्होंने भी कहा कि नेशनल ग्राउंड वाटर अथॉरिटी की ओर एनओसी लेने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है और जो शर्ते लगाई गई हैं वह बेहद कठिन है। कार्रवाई की बजाय विभाग को इसकी पर्याप्त जानकारी देकर अपग्रेड करना चाहिए।

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