ICAR CIPHET ने तैयार की मशीन... अब लीजिए एक घंटे में तीन सौ किलो वड़ियां
ICAR CIPHET ने मशीन तैयार की है। यह मशीन एक घंटे में अलग-अलग आकार में पांच से पच्चीस ग्राम वजन तक की तीन सौ किलोग्राम वड़ियां बना सकती है।
लुधियाना [आशा मेहता]। आइसीएआर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPHET) ने वड़ियां बनाने की मशीन तैयार की है। यह मशीन एक घंटे में अलग-अलग आकार में पांच से पच्चीस ग्राम वजन तक की तीन सौ किलोग्राम वड़ियां बना सकती है।
सिफेट के मुताबिक देश में अभी तक हाथ से वड़ियां बनाई जा रही हैं। इसमें एक व्यक्ति पूरे दिन में महज चालीस किलो दाल के आटे की वड़ियां ही बना पाता है। मैकेनाइजेशन ऑफ ट्रेडिशनल फूड प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई यह मशीन फूड ग्रेड स्टेनलेस स्टील से बनी है और पूरी तरह से ऑटोमैटिक है। एक समय में यह नौ तरह की अलग-अलग वड़ियां बना सकती है। इससे जो वड़ियां बनती हैं, उसे स्नैक्स के तौर पर भी खाया सकते हैं। सिफेट का दावा है कि वड़ियां बनाने की यह देश की पहली मशीन है। वर्ष 2015 में मशीन बनाने पर शोध कार्य शुरू हुआ था। मशीन बनाने में करीब पांच लाख रुपये की लागत आई।
सिफेट के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. संदीप मान के अनुसार पूरे देश में वड़ियां हाथ से बनाई जाती हैं। इसके लिए पहले दाल को भिगो दिया जाता है। फिर उसे मिक्सर ग्राइंडर या दूसरे साधनों से पीस लिया जाता है। दाल को पिसने के बाद फिर हाथ से वड़ियां बनाई जाती है। फिर इसे धूप में सुखाया जाता है। धूप में वड़ियों को सुखाने के दौरान उस पर मक्खियां भी बैठती हैं। धूल -मिट्टी पड़ती है। बरसात के मौसम में नमी बढऩे पर वड़ियां बनाने की इंडस्ट्री बंद ही रहती है।
वड़ियों में सब्जियां मिलाने की रेसेपी भी दी
डॉ. मान ने कहा कि जहां हमने वड़ी बनाने की मशीन बनाई है, वहीं इसकी रेसिपी को भी निर्धारित किया है। हमने अलग-अलग दालों में अलग- अलग तरह की सब्जियों को मिलाकर वड़ियां बनाने की रेसेपी बनाई है। दालों में सब्जियों को मिक्स करने से वड़ियों की गुणवत्ता व पौष्टिकता बढ़ गई है।
शुरू कर सकते हैं वड़ियों का अच्छा कारोबार
डॉ. मान ने कहा कि सिफेट द्वारा तैयार की गई वड़ी मशीन उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो अपना काम करना चाहते हैं। इसके अलावा वड़ियां और पापड़ बनाने वाले कारोबारी भी इस मशीन से उत्पादन बढ़ाकर मुनाफा कमा सकते हैं। मशीन से अलग-अलग आकार में खूबसूरत व गुणवत्ता वाली वड़ियां तैयार होती हैं। ये निर्यात करने के लिए भी मुफीद होती हैं। नए उद्यमी दस लाख रुपये का निवेश करके अपना काम शुरू कर सकते हैं।
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