पंजाब पुलिस का मानवीय चेहरा, कोरोना विजेता जवान डोनेट करेंगे प्लाज्मा
पंजाब पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है। कोरोना से ठीक हो चुके पंजाब पुलिस के जवान दूसरे मरीजों की जान बचाने को सामने आए हैं। वे अपना प्लाज्मा डोनेट करेंगे।
लुधियाना, [दिलबाग दानिश]। जरूरतमंदों तक भोजन और राशन पहुंचाने वाले पंजाब पुलिस के जवान अब कोरोना संक्रमित मरीजों को संजीवनी देने के लिए अपना प्लाज्मा डोनेट करेंगे। कोरोना को मात देकर ये जवान दोबारा ड्यूटी पर लौट चुके हैैं और अब पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल द्वारा प्लाज्मा डोनेट करने के लिए मांगे गए सुझाव पर उन्होंने सहमति जता दी है। उनकी हां करने के बाद अब गंभीर अवस्था में पहुचने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को कोरोना से जंग जीतने के लिए उम्मीद की नई किरण दिखाई देगी।
सीपी ने मांगी थी राय, पॉजिटिव से नेगेटिव हुए 31 पुलिस कर्मियों ने भरी हामी
प्रदेश में यह पहली बार होने जा रहा है जब पंजाब पुलिस के जवान प्लाज्मा डोनेट करेंगे। इससे पहले मुंबई पुलिस के जवान ऐसी पहल कर चुके हैैं। पुलिस कमिश्नर आफिस द्वारा इन जवानों की सूची बना ली गई है। उनकी मेडिकल जांच करवाने के बाद सूची वरिष्ठ अधिकारियों को भेजेगी ताकि जरूरत पडऩे पर पुलिस जवान को इस सेवा के लिए बुलाया जा सके। फिलहाल यह तय नहीं हुआ है कि इनका प्लाज्मा पटियाला में बनाए गए प्लाजमा बैैंक में डोनेट किया जाएगा या चंडीगढ़ में।
लुधियाना में अब तक 83 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कोरोना पाजिटिव पाए जा चुके हैैं। इनमें से एक एसीपी की मौत हो चुकी है और 31 पुलिस कर्मचारी कोरोना को मात दे चुके हैैं। शेष पाजिटिव पुलिस कर्मचारियों को होम आइसोलेट किया गया है। पुलिस कमिश्नर ने ठीक हो चुके पुलिस कर्मचारियों से राय मांगी थी कि क्या वह समाज सेवा के लिए अपना प्लाज्मा दे सकते हैैं तो ठीक होने वाले सभी 31 कर्मचारियों ने हां कर दी।
एसीपी की प्लाज्मा थेरेपी से पहले ही हो गई थी मौत
लुधियाना कमिश्नरेट में तैनात एसीपी अनिल कोहली की कोरोना के कारण मौत हो गई थी। वह एसपीएस अस्पताल में दाखिल थे और उन्हें प्लाज्मा थेरेपी देने की प्रक्रिया चल रही थी। डोनर मिलने और मैचिंग प्रोसेस में हुई देरी के कारण उन्हें प्लाज्मा थेरेपी नहीं दी जा सकी। जिस दिन मोहाली का डोनर उन्हें प्लाज्मा देने के लिए लुधियाना पहुंचा, उसी दिन उन्होंने दम तोड़ दिया। अपना बहादुर पुलिस अफसर खो देने वाली पंजाब पुलिस नहीं चाहती की प्लाज्मा की कमी से किसी कोरोना मरीज की मौत हो।
ऐसे काम करती है प्लाज्मा थेरेपी
खून में डब्ल्यूबीसी, आरबीसी, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा पाए जाते हैैं। प्लाज्मा, खून में मौजूद 55 फीसद से ज्यादा हल्के पीले रंग का पदार्थ होता है। जिसमें पानी, नमक और अन्य एंजाइम्स होते हैं। ऐसे में स्वस्थ हो चुके व्यक्ति में एंटीबॉडीज विकसित हो चुके होते हैैं। ऐसे व्यक्ति का प्लाज्मा निकालकर दूसरे व्यक्ति को चढ़ाना ही प्लाज्मा थेरेपी है। कोरोना को मात देने वाला व्यक्ति ठीक होने के 28 दिन बाद प्लाज्मा दे सकता है।
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'' यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे जवानों ने सुझाव मांगने पर प्लाज्मा डोनेट करने के लिए तुरंत हां कर दी। उच्चाधिकारियों से बात करने के बाद सेहत विभाग से संपर्क किया जाएगा। कोरोना को मात देने वाले कर्मचारियों की स्क्रीङ्क्षनग करवाई जाएगी और जरूरतमंदों के लिए प्लाज्मा डोनेट किया जाएगा।
- राकेश अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर लुधियाना।