Famous Temples Of Punjab: लुधियाना में है मां वैष्णो देवी का विशेष मंदिर, माता के दरबार नहीं जा पाने वाले यहां नवाते हैं शीश
लुधियाना माता वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर में नवरात्र में भारी भीड़ रहती है। मंदिर में अष्ट-भुजाओं वाली माता वैष्णो देवी की प्रतिमा तथा माता वैष्णो देवी पिंडी के तीन स्वरुप विराजित हैं। महंत अमरनाथ ने इस मंदिर की सेवा में 39 वर्षों तक लगातार अपनी सेवाएं व योगदान दिया।
कृष्ण गोपाल, लुधियाना। शहर के बीचों बीच स्थित माता वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर के दर्शन करवाता है। तीन नंबर डिवीजन के बीच पड़ते इस मंदिर की स्थापना 14 मार्च, 1967 में महंत सेवक अमरनाथ द्वारा की गई। कुछ वर्षों के बीच तीन नंबर डिवीजन चौक कहे जाने वाले इस चौक का नाम 25 सिंतबर, 1972 में माता वैष्णो देवी चौक रखा गया। इस चौक से चलने वाली लोकल बसें जिस पर थाना तीन नंबर चौक का नाम अंकित था, उन्हें हटाकर माता वैष्णो देवी चौक कर दिया गया। धीरे-धीरे मंदिर ने विशाल रुप धारण कर लिया।
मंदिर में अष्ट-भुजाओं वाली माता वैष्णो देवी की प्रतिमा तथा माता वैष्णो देवी पिंडी के तीन स्वरुप विराजित हैं, जिनमें प्रथम माता महाकाली, द्वितीय माता लक्ष्मी व तृतीय माता सरस्वती जी की पिंडियां हैं। इसके अलावा श्री पंचमुखी बाला जी दरबार, भगवान श्री कृष्ण जी का विराट स्वरुप, शिव परिवार तथा मंदिर में बनी गुफा में विराट स्वरुप अठरां भुजाओं वाली माता वैष्णो देवी जी आसन लगाए हुए है। साथ में बैठा शेरां तथा भैरों मंदिर में अपनी अलग छठा बिखेर रहा है।
महंत अमरनाथ ने इस मंदिर की सेवा में 39 वर्षों तक लगातार अपनी सेवाएं व योगदान दिया। उसके पश्चात उनकी गद्दी शिवराम कृष्ण ने संभाली। महंत शिवराम बताते हैं कि माता वैष्णो देवी जी की कृपा से महंत अमरनाथ को उनकी बहन स्व. सीता माता ने दरबार वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर बनवाने की प्रेरणा दी। इस मंदिर में माता ज्वाला देवी जी के अखंड पवित्र ज्योति प्रज्जवलित है। जो भक्त माता वैष्णो देवी नहीं पहुंच पाते, वह इस मंदिर में आकर माता वैष्णो देवी के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं मांगते है और धन्य हो जाते है।
नवरात्र पर रहती है भक्तों की अपार भीड़
महंत शिवराम कृष्ण बताते है कि मां के प्रिय उत्सव नवरात्र पर भक्तों की अपार भीड़ रहती है। भारी भीड़ के बीच पुलिस प्रशासन की ओर से कड़ी व्यवस्था की जाती है, ताकि ट्रैफिक रुप सुचारु से चलाया जा सके। इसका पूरा खर्चा मंदिर कमेटी द्वारा किया जाता है। वहीं मंदिर ट्रस्ट द्वारा समय-समय निकलने वाली धार्मिक शोभायात्राओं का स्वागत कर सम्मान भी किया जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगता है, वो जल्द ही पूर्ण होती है।