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कूल्हे और घुटने के दर्द से राहत दिलाए सुप्त कपोतनासं

सुप्त का अर्थ है लेटा हुआ कपोत का अर्थ कबूतर और आसन का अर्थ स्थिति है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 03:30 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 03:30 AM (IST)
कूल्हे और घुटने के दर्द से राहत दिलाए सुप्त कपोतनासं
कूल्हे और घुटने के दर्द से राहत दिलाए सुप्त कपोतनासं

जासं, लुधियाना : सुप्त का अर्थ है लेटा हुआ, कपोत का अर्थ कबूतर और आसन का अर्थ स्थिति है। इसमें शरीर कबूतर की तरह प्रतीत होता है, जिसे अंग्रेजी में आई मिडिल पोज कहते हैं। यह आसन कई बीमारियों से निजात दिलाता है। सामान्य रूप से इसका नियमित अभ्यास पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों की मांसपेशियों में तनाव को दूर करता है। यह कूल्हों को भी खोलता है। सुप्त कपोतानसं आपके निचले हिस्से, कूल्हों और पैरों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। यह कूल्हे और घुटने के दर्द से राहत दिलाने में भी मदद करता है। यह आसन पाचन में सुधार करता है।

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यह है आसन करने की विधि

सबसे पहले जमीन पर योग मेट बिछा लें और पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों घुटनों को मोड़ लें। दाएं पैर को बाएं झांग के ऊपर रख दें। अब दोनों हाथों से बाएं पैर को पकड़ते हुए छाती पर ले आएं (दायां हाथ दोनों पैरों के अंदर से और बायां हाथ बाएं पैर के बाहर से जाएगा)। अब सांस भरते हुए सिर को घुटने से लगा दें। धीरे धीरे सांस लेते रहें और छोड़ते रहें। इस तरह आसन में कुछ देर तक बने रहें।

आसन करते समय यह सावधानी बरतें

घुटने की चोट से पीड़ित लोगों को इसका अभ्यास करने से बचना चाहिए। इसके अलावा यदि आप अपने कूल्हों, पैरों या पीठ के निचले हिस्से में झुनझुनी, सुन्नता या दर्द का अनुभव करते हैं, तो तुरंत रेकलिग पिजन पो•ा करना बंद कर दें। सूजन के मामले में, इसका अभ्यास करने से बचना बेहतर है। इसका खास यान रखें।


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