सर्शत होटल रेस्टोरेंट एवं बार खोलने की वकालत, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखा पत्र
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ पंजाब ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिख कर सूबे की हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में जान फूंकने के सुझाव दिए हैं।
लुधियाना, जेएनएन। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ पंजाब ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिख कर सूबे की हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में जान फूंकने के सुझाव दिए हैं। एसोसिएशन ने मांग की है कि सूबे में सशर्त होटल, रेस्टोरेंट एवं बार को खोल दिया जाए। क्योंकि इस सेक्टर में उद्यमियों ने भारी निवेश किया है। दूसरे इस सेक्टर में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है।
उद्यमियों के अनुसार कोरोना महामारी ने होटल, रेस्टोरेंट एवं पर्यटन उद्योग को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। करीब सवा माह से होटल, रेस्टोरेंट बंद पड़े हैं, जबकि उद्यमियों को उनका खर्च, किराया, बिल और स्टॉफ के वेतन समेत कई खर्च पड़ रहे हैं। ऐसे में सरकार यदि इस उद्योग को विशेष आर्थिक पैकेज देगी, तभी इसमें जान फूंकी जा सकती है।
एसोसिएशन ने सूबे में कोविड-19 संकट से बाहर निकलने पर औद्योगिकरण को गति देने के लिए प्रख्यात अर्थशास्त्री मोंटेक सिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में कमेटी बनाने का भी स्वागत किया है। एसोसिएशन के प्रधान अमरवीर सिंह ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि होटलों के बिजली के बिल में फिक्स्ड चार्जेज माफ किए जाएं। बार की लाईसेंस फीस भी तीन माह के लिए माफ की जाए। इसके अलावा फीस का भुगतान सालाना की बजाए तिमाही किश्तों में करने की इजाजत दी जाए।
व्यापारी परेशान, आर्थिक पैकेज दे सरकार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश भर के व्यापारिक समुदाय के लिए एक आर्थिक पैकेज की मांग मजबूती से उठाई है। कैट के प्रदेश अध्यक्ष हरकेश मित्तल ने कहा की अब देश के व्यापारी और अधिक इंतजार नहीं कर सकते। अब वह समय आ गया है जब सरकार को व्यापारियों के लिए एक आर्थिक पैकेज की घोषणा तुरंत करनी चाहिए। देश भर में व्यापारी वर्ग ही ऐसा है जो कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
कैट ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था के अन्य वर्गों के लिए कई पैकेजों की घोषणा की है, लेकिन व्यापारिक समुदाय जिसे अक्सर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है। उसकी हालत बेहद पतली हो गई है। कैट ने यह भी कहा कि अगर व्यापारियों को पर्याप्त पैकेज नहीं दिया जाता है, तो देश में घरेलू व्यापार काफी हद तक ध्वस्त हो सकता है। देश में कृषि के बाद खुदरा व्यापार सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता है, इस क्षेत्र को राहत प्रदान करना बहुत आवश्यक है। व्यापारियों की सभी उम्मीदें वित्त मंत्री पर टिकी हैं।
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