मिसाल : हिंदू और सिखों ने बनाई मस्जिद, मुस्लिम भाइयों को दिया तोहफा
धर्म के नाम पर नफरत फैलाकर सियासी रोटियां सेेंकने के खेल के बीच लुधियाना के एक गांव के लाेगों ने मिसाल पेश की है। उन्होंने गांव के मुस्िलम भाइयों ...और पढ़ें

जेएनएन, जगराओं (लुधियाना)। धर्म के नाम लोगों बांटने और राजनीतिक रोटियां सेंकने का खेल चल रहा है। इस सबके बीच क्षेत्र के गांव गालिब रण सिंह वाला के लोगों ने सांप्रदायिक सद्भाव व सौहाद्र की मिसाल पेश किया है। गांव के हिंदू और सिखों ने कौमी एकता की मिसाल देते हुए गांव के करीब 20 मुस्लिम परिवारों को मस्जिद बनाकर दी है। रविवार से शुरू हो रहे रमजान के पवित्र महीने से पहले पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने इस मस्जिद को गांव के मुस्लिमों के हवाले किया।
गालिब रण सिंह वाला गांव के लोगों ने पेश की कौमी एकता की मिसाल
गांव गालिब रण सिंह वाला में करीब 20 मुस्लिम परिवार हैं। ये लोग लंबे समय से गांव में मस्जिद बनाने की कोशिश कर रहे थे। इन परिवारों की जरूरत को देखते हुए गांव के सरपंच हरसिमरन सिंह बाली ने शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी से संपर्क कर गांव में मस्जिद बनवाने का फैसला किया।
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इसके बाद जुलाई 2016 में इस मस्जिद की आधारशिला रखी गई और इसका निर्माण शुरू हुआ। इसके बाद हिंदू व सिखों ने अल हबीब चैरिटेबल नाम से ट्रस्ट बनाया। गांववासियों ने मस्जिद के लिए जमीन देने के साथ-साथ इसका निर्माण शुरू कराया। इस तरह सात महीने में करीब आठ लाख रुपये की लागत से मस्जिद के निर्माण पूरा हुआ।
शाही इमाम ने कहा कि मस्जिद खुदा का घर है और इसके दरवाजे हर इंसान के लिए खुले हैं। गांव के हिंदू अौर सिख भाइयों ने मस्जिद के निर्माण में योगदान कर कौमी एकता को मजबूत किया है और मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि इस्लाम अमन का मजहब है और समाज में बराबरी का संदेश देता है ताकि किसी के साथ भेदभाव न किया जाए।
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उस्मान रहमानी ने बताया कि मस्जिद के निर्माण के दौरान वह जब भी लुधियाना से गांव में आए तो उनका हिंदू-सिख भाइयों की तरफ से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। गांववासियों ने इस दौरान किसी भी चीज की कमी नहीं आने दी।

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