Rain in Punjab: पंजाब के लुधियाना सहित कई शहराें में भारी बारिश, जानें कैसा रहेगा अगले 3 दिन माैसम
Rain in Punjab पंजाब के कई शहराें में शनिवार काे दूसरे दिन भी मानसून जमकर बरसा। कई जिलाें में ताे सड़कें जलमग्न हाे गई। सबसे ज्यादा परेशानी ताे वाह चालकाें काे हुई। अमृतसर में शुक्रवार सुबह छह से शाम चार बजे तक रिकॉर्ड 124.6 मिमी बारिश हुई थी।
जागरण संवाददाता, लुधियाना/बठिंडा/ बरनाला/फरीदकाेट। Rain in Punjab: पंजाब के कई जिलाें में शनिवार काे जमकर बारिश हुई। बठिंडा, बरनाला, लुधियाना और फरीदकाेट में बारिश से माैसम का मिजाज बदल गया। कई जिलाें में बारिश से सड़कें जलमग्न हाे गई। लुधियाना में सुबह से ही बादलों ने शहर को अपनी गिरफ्त में ले लिया था। इस दौरान तापमान भी 22 डिग्री सेल्सियस रहा।
इससे पहले शुक्रवार को मानसून जमकर बरसा था। अमृतसर और बठिंडा सहित कई जिलाें में बारिश से सड़के और गलियां जलमग्न हाे गई थी। अमृतसर में शुक्रवार सुबह छह से शाम चार बजे तक 10 घंटे में रिकॉर्ड 124.6 मिमी बारिश हुई थी। अमृतसर का विरासती मार्ग झील का रूप धारण कर गया था। कई स्थानों पर सड़क पर खड़ी कारें पानी में तैरने लगीं थी।
तापमान में भी आई गिरावट
बरनाला में बारिश के बीच गुजरते वाहन चालक। (जागरण)
तापमान में भी आठ से 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। अमृतसर में यह अंतर महज दो डिग्री सेल्सियस का रह गया। यहां अधिकतम तामपान 25.8 तथा न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस रहा। चंडीगढ़ मौसम विभाग की मानें तो अमूमन मानसून 15 सितंबर के बाद से पंजाब से विदा हो जाता है, लेकिन इस बार यह सितंबर के अंत में विदाई लेगा। शनिवार को भी सूबे के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है। रविवार और सोमवार को भी बादल छाए रहने और बारिश की संभावना है।
शुक्रवार काे कहां कितनी बारिश
बठिंडा में दूसरे दिन भी बारिश से सड़काें में जलभराव हाे गया। (जागरण)
अमृतसर: 124.6 मिमी
बठिंडा में 84.5 मिमी
पठानकोट :16.8 मिमी
पटियाला: 4.8 मिमी
किसानों के लिए अलर्ट, धान की फसल पर असर
लुधियाना में शनिवार काे बारिश के बीच गुजरते वाहन चालक। (जागरण)
भारी बारिश की वजह से पंजाब में पकने लगी धान व अन्य फसलों को नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने किसानों को अलर्ट किया है कि अभी वह अपनी किसी भी फसल पर स्प्रे और सिंचाई न करें। साथ ही खेतों में पानी की निकासी के प्रबंध करके रखें। पानी खड़ा होने से फसल को नुकसान हो सकता है।