अब आउटरीच कैंप लगाकर सेहत विभाग करेगा बच्चों की वैक्सीनेशन
अफवाहों के कारण स्कूलों में वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करना मुश्किल हो रहा है।
आशा मेहता, लुधियाना
अफवाहों की वजह से मीजल-रूबेला टीकाकरण कैंपेन के तहत स्कूलों में वैक्सीनेशन के टारगेट को पूरा करना सेहत विभाग के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। विभाग ने गर्मियों की छुट्टियां होने से पहले मई अंत तक प्राइवेट स्कूलों, डे केयर, प्ले वे स्कूलों, सरकारी स्कूलों के जरिए नौ माह से पंद्रह साल के जिले के 85 प्रतिशत बच्चों का एमआर टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए जिले को नौ जोन में बांटकर वैक्सीनेशन कैंपेन शुरू हुई थी, लेकिन जानकारी के अनुसार एक या दो जोनों को छोड़ दिया जाए, तो अन्य सभी जोनों के स्कूलों में वैक्सीनेशन का प्रतिशत 40 से 45 के बीच ही है, जबकि मई माह को खत्म होने में पांच दिन रह गए हैं।
सेहत विभाग ने जिले में साढ़े बारह लाख बच्चों का एमआर टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। अभी तक केवल चार लाख सत्तर हजार बच्चे ही कवर हुए हैं। ऐसे में सेहत विभाग ने अब वैक्सीनेशन के सौ प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने के लिए एरिया वाइज आउटरीच कैंप ज्यादा से ज्यादा लगाने का निर्णय लिया है। यह कैंप जून से एक माह तक चलेंगे। स्कूलों से ली जाएंगी सूची, बच्चों के घरों के पास लगेंगे कैंप
जानकारी के अनुसार स्कूलों में वैक्सीनेशन का निर्धारित टारगेट पूरा न होने की सूरत में सेहत विभाग की ओर से सभी स्कूलों से बच्चों की सूची मांगी जा रही है। इसी सूची के जरिए ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है, जिनका अब तक एमआर टीकाकरण नहीं हुआ है। इसके बाद एरिया वाइज टीकाकरण न करवा पाने वाले बच्चों की सूची तैयार होगी। उस सूची के आधार पर अलग- अलग इलाकों में आउटरीच कैंप लगेंगे। इसके अलावा सभी डिस्पेंसरी, सीएचसी, पीएचसी, ईएसआइ, डिस्ट्रिक अस्पतालों में भी रोजाना वैक्सीनेशन होगी। अभी केवल बुधवार को ही वैक्सीनेशन हो रही है। ..तो एरिया में नहीं जाना पड़ता
जिला टीकाकरण अफसर डॉ. जसबीर सिंह ने बताया कि आउटरीच कैंप लगाने का निर्णय सभी बच्चों के टीकाकरण को यकीनी बनाने के लिए हैं। कैंपेन शुरू होने से पहले वैक्सीनेशन को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों की वजह से पेरेंट्स इतने डर गए हैं कि वह स्कूलों में बच्चों के टीकाकरण की स्वीकृति नहीं दे रहे हैं। ऐसे में कैंपों के जरिए लोगों के डर को खत्म कर वैक्सीनेशन की जाएगी। साढ़े नौ लाख बच्चों का होगा टीकाकरण
एमआर वैक्सीनेशन के टारगेट को कम किया जा सकता है। कैंपेन शुरू करने से पहले विभाग ने जिले में नौ माह से पंद्रह साल तक के साढ़े बारह लाख बच्चों को मीजल रूबेला वैक्सीनेशन करने की बात कही थी, लेकिन अब यह घटकर करीब साढ़े नौ लाख के आसपास हो सकती है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि क्लेरिकल मिस्टेक की वजह से बच्चों की संख्या अधिक लिखी गई। जबकि टीकाकरण के बच्चों की संख्या इतनी अधिक नहीं थी।