साइकिल वैली की तर्ज पर हैंड टूल वैली बनाने की दरकार
राजीव शर्मा लुधियाना निर्यात आधारित हैंड टूल इंडस्ट्री ने ग्रोथ के लिए साइकिल वेली की तर्ज पर अतिआधुनिक हैंड टूल वेली बनाने की वकालत की है।
राजीव शर्मा, लुधियाना: निर्यात आधारित हैंड टूल इंडस्ट्री ने ग्रोथ के लिए साइकिल वेली की तर्ज पर अतिआधुनिक हैंड टूल वेली बनाने की वकालत की है। हैंड टूल उद्योगपतियों का तर्क है कि देश का ज्यादातर हैंडटूल पंजाब में ही बनाया जा रहा है। इसके कुल उत्पादन का अस्सी प्रतिशत से अधिक विदेशाों को निर्यात किया जा रहा है। अभी करीब 44 सौ करोड़ के हैंडटूल का सालाना निर्यात हो रहा है। उद्यमियों का तर्क है कि यदि सरकार हैंड टूल्स के लिए अलग से वैली या औद्योगिक पार्क बनाए तो अगले पांच साल में निर्यात दस हजार करोड़ को पार किया जा सकता है। इसके अलावा इंडस्ट्री का उत्पादन दोगुना से अधिक हो सकता है। इसके लिए लुधियाना हैंड टूल एसोसिएशन ने पूरे तर्काें के साथ एक प्रस्ताव बना कर सरकार को भेजा है। उद्योगतियों का तर्क है कि आधुनिक पार्क में विश्व स्तरीय तकनीक, मशीनरी, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, उत्पाद डिजाइनिग जैसी सुविधाएं मिलें तो इसका लाभ इंडस्ट्री को जरूर मिलेगा।
उद्योगपतियों के अनुसार पंजाब में लुधियाना एवं जालंधर में हैंड टूल्स उद्योग द्वारा करीब अस्सी प्रतिशत से अधिक उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में मार्केट किया जा रहा है। यहां से हैंड टूल्स अमेरिका, यूरोप, मिडल ईस्ट, दक्षिण अफ्रीका समेत विश्व के तमाम देशों में निर्यात किए जा रहे हैं, लेकिन आधुनिक सुविधाओं की कमी के कारण इंडस्ट्री को आगे बढ़ने में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में इंडस्ट्री ने सरकार से सहयोग मांगा है कि उनको सुविधाएं दें तो सूबे की अर्थव्यवस्था मजबूत करने में यह सेक्टर भी अपना बेहतर योगदान दे सकता है।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्टर्स आर्गेनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लुधियाना हैंड टूल्स एसोसिएशन के प्रधान एससी रल्हन का कहना है कि साइकिल एवं पार्ट्स उद्योग का सालाना कारोबार सात से आठ हजार करोड़ है। इसमें से करीब ढाई हजार करोड़ का निर्यात किया जा रहा है। इसके अलावा टेक्सटाइल उद्योग का कुल निर्यात करीब पंद्रह हजार करोड़ है, इसमें 8800 करोड़ रुपये का केवल यार्न ही निर्यात हो रहा है। सूबे में टेक्सटाइल उद्योग के लिए टेक्सटाइल पार्क की योजना है, जबकि साइकिल उद्योग के लिए साइकिल वैली है।
हैंड टूल्स उद्योग भी निर्यात में अपना दबदबा रखता है। ऐसे में साइकिल वैली की तर्ज पर ही हैंड टूल उद्योग को वैली या औद्योगिक पार्क की दरकार है। इसके लिए उद्योग को केवल डेढ़ सौ एकड़ जगह की जरूरत है। इस वैली के बनने से करीब सौ इकाइयां स्थापित की जा सकती हैं। इनमें पचास हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा और पांच हजार करोड़ का नया निवेश आ सकता है। रल्हन का तर्क है कि सरकार प्रधानमंत्री गतिशक्ति प्रोग्राम के तहत जमीन अधिग्रहण करे। इस स्कीम में केंद्र सरकार ने सूबे को 1447 करोड़ रुपये अलाट किए हैं। सूबा सरकार इसमें सहयोग करे तो इंडस्ट्री को बूस्ट मिल सकता है।
लुधियाना हैंड टूल्स एसेासिएशन के महासचिव अश्वनी अग्रवाल व हैंड टूल्स उद्यमी विपन गुप्ता एवं अशोक गुप्ता कहते हैं कि इंडस्ट्री वक्त के मुताबिक अपग्रेड करने को तैयार है, लेकिन सरकार से सहयोग अनिवार्य है। इस संबंध में सरकार को विस्तृत प्रस्ताव बना कर भेजा जा रहा है। ताकि इस उद्योग को दिशा मिल सके।