जिसमें हुनर है वो कभी भूखा नहीं रह सकता : अचल मुनि Ludhiana News
श्री शीतल मुनि ने पड़ोसी दिवस पर कहा कि पड़ोसी-पड़ोसी नहीं। अगर आपके पड़ोसी का भाव खराब है तो पहले आप स्वयं अच्छे बनो क्योंकि आप भी किसी के पड़ोसी हो।
लुधियाना, जेएनएन। एसएस जैन स्थानक शिवपुरी में गुरुदेव अचल म. ठाणा-5 ने रविवार की विशेष सभा में कहा कि सोने के सभी उत्सुक हैं। चाहे वो गरीब हो या अमीर। सोना मिट्टी में पैदा होता है और मिट्टी रुप ही है। जो कलाकार होता है वो मिट्टी को हाथ लगाकर ही सोना बना देता है। जिसमें हुनर है वह कभी भी भूखा नहीं रह सकता। मेहनती हो। कभी भाग्य के सहारे मत बैठे रहिए। मेहनत से कदापि जी न चुराएं। जो व्यक्ति हाथ पर हाथ धर कर बैठ जाते है, उनकी किस्मत भी बैठ जाती है। मुनिश्री ने आगे कहा कि पुण्य के बीज बोते रहो। दान पुण्य में सदा आगे बढ़ते रहो। नीयत सदा ऊंची रखो। जिसकी नीयत ऊंची होती है। उनके बरकत अच्छी होती है। प्रकृति ने हमें कुछ करने को जन्म दिया है। इसलिए मन को कभी कमजोर मत होने देना। सबकी कुशलता की कामना करो, किसी के बारे में बुरा मत सोचे। अरे दान देने से पहले अपने कमजोर भाई को सहारा दो, क्योंकि तुम्हारे दान की भगवान से ज्यादा तुम्हारे भाई को जरूरत है।
श्री शीतल मुनि ने पड़ोसी दिवस पर कहा कि पड़ोसी-पड़ोसी नहीं। अगर आपके पड़ोसी का भाव खराब है तो पहले आप स्वयं अच्छे बनो, क्योंकि आप भी किसी के पड़ोसी हो। घर में खाने की कोई नई अच्छी वस्तु बनी या आई तो पड़ोसी को दें। अपना कचरा पड़ोसी के घर के आगे न फेंकें। बीमार पड़ोसी की तकलीफ समझो। पड़ोसी के घर में रिश्ता आए तो बहकाओ मत। अतिशय मुनि ने रामायण की सुंदर व्याख्या करते हुए कहा कि जब दीवारों में दरार पड़ जाती है तो दीवार गिर जाती है और जब रिश्तों में दरार पड़ जाती है तो दीवारें खड़ी हो जाती हैं जिन्हें तोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। श्री अखिल मुनि, निखिल मुनि ने भजनों से सभी को भाव भिवोर कर दिया।