गुरु की महिमा का गुणगान सर्वोत्तम : गुलशन
गुरु पूर्णिमा पर सर्कुलर रोड पर श्री संत जिंदा कल्याण सेवक सभा द्वारा गुरु महिमा का गुणगान किया गया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : गुरु पूर्णिमा पर सर्कुलर रोड पर श्री संत जिंदा कल्याण सेवक सभा द्वारा गुरु महिमा का गुणगान किया गया। गुलशन शर्मा ने कहा कि माता-पिता और गुरु की सेवा सर्वोत्तम होती है। इसलिए सभी लोगों को गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर अपने-अपने गुरु की महिमा का गुणगान करना चाहिए ताकि उनको दक्षिणा में पूर्ण मान सम्मान मिले। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भजन भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सोमनाथ बत्रा, चेयरमैन चंद्रमोहन, मोहिदर पाल बत्रा, रावत, रमेश जुनेजा, पंडित विशाल कृष्ण शर्मा, हंसराज बत्रा, राजकुमार, चेतन, सनी आदि उपस्थित रहे। विश्वकर्मा मंदिर में गुरु पूर्णिमा मनाई
विश्वकर्मा मंदिर श्री माछीवाड़ा साहिब में रविवार को गुरु पूर्णिमा का त्योहार श्रद्धालुओं द्वारा बड़े ही सादे ढंग से मनाया। इस दौरान कुछ श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे, जहां हवन कर आहूतियां डाली। श्रद्धालुओं ने मंदिर में स्थापित बावा शांति नाथ की मूर्ति की पूजा की। मौके पर पंडित चंद्रमोहन, माघी सचदेवा, मिटू गुलाटी, रजिदर शर्मा, सुरिदर सचदेवा, रजिदर सचदेवा, वीरू दत्त मौजूद थे। यह भी पढ़ें : डिप्रेशन या मानसिक अवसाद की वजह राहु व चंद्र: शून्य प्रभु
लुधियाना : सतलुज किनारे स्थित शनि गांव में शून्य प्रभु के सान्निध्य में हवन और प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। शून्य प्रभु ने कहा कि आजकल डिप्रेशन या मानसिक अवसाद काफी बढ़ गया है। इसके कई कारण है। जीवन काफी उलझ गया है। जब तनाव हद से बढ़ जाता है तो वह डिप्रेशन का रूप ले लेता है।
अगर ज्योतिष की नजर से देखें तो दो प्रमुख ग्रह हैं जो डिप्रेशन का कारण हैं। चंद्र तथा राहु। चंद्र मन यानि भावनाओं का कारक ग्रह है तथा राहु नकारात्मक विचारों का। अत: चंद्र जब योगकारक होता है, कमजोर स्थिति में हो तो व्यक्ति को शिव पूजा, चांदी अथवा मौली धारण करनी चाहिए। यदि चंद्र मित्र न हो तो दूध और जल का दान तथा माता या मां समान स्त्री की सेवा करनी चाहिए। राहु की दशा में नारियल का दान अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिप्रेशन में जा रहे व्यक्ति को अकसर खुद पता नहीं चल पाता कि वह डिप्रेशन में जा रहा है। अत: उसके परिवार वालों तथा दोस्तों को चाहिए कि यदि उन्हें ऐसा लगता है तो तुरंत ही समाधान की ओर चले।