पिता ने दी बीएसएफ जवान जगजीत ¨सह को मुखाग्नि
बीएसएफ जवान जगजीत सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार दोपहर को उनके पैतृक गांव भंबोई पहुंचा।
जागरण संवाददाता, बटाला : बीएसएफ जवान जगजीत सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार दोपहर को उनके पैतृक गांव भंबोई पहुंचा। इस दौरान पूरा गांव शोक में डूबा रहा। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल था। जवान को 10वीं बटालियन ने गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी। मुखाग्नि उनके पिता जसवंत ¨सह ने दी।
बीएसएफ की 10वीं बटालियन के अधिकारी दलबीर ¨सह परिवार को संवेदना देने के लिए पहुंचे थे। गौरतलब है कि विगत दिन जगप्रीत ¨सह को उनके साथी अजीत ¨सह निवासी पठानकोट ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। घटना सुबह छह बजे की है। ये दोनों 2012 में इकट्ठे बीएसएफ में भर्ती हुए थे। घटना के एक दिन पहले गाजियाबाद में दोनों जवानों ने रात को स्कूल के भीतर शराब पी। सुबह आपस में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। अजीत ¨सह ने अपनी बंदूक से जगप्रीत ¨सह को चार गोलियां मारकर छलनी कर दिया था। फिलहाल पुलिस ने आरोपित अजीत ¨सह के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। जवान की पत्नी महकप्रीत कौर ने प्रशासन से मांग करते कहा कि आरोपित को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। पिता बोले-पोते को भी फौज में भर्ती कराऊंगा
जगप्रीत ¨सह के पिता जसंवत ¨सह खुद फौज में रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि वे अपने पोते को भी सेना में भर्ती करवाएंगे। 10 दिनों के भीतर दूसरी बड़ी घटना
इससे पहले धर्मशाला में सिख रेजिमेंट के जवान ने अपने साथियों पर गोलियां चलाकर खुद भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि गाजियाबाद के पास एक जवान ने अपने साथी जवान पर गोली चलाकर उसे मौत के घाट उतार दिया। फिलहाल इन मामलों को लेकर सुरक्षा अधिकारियों ने कोई रिपोर्ट पेश नहीं की है। अच्छे दोस्त थे दोनों जवान
गांव से मिली जानकारी के मुताबिक जगप्रीत ¨सह व अजीत ¨सह दोनों अच्छे दोस्त थे। उनमें बहुत प्यार था। एक-दूसरे की फैमिली के साथ उनका मेल-मिलाप था। दोनों की बीएसएफ में एक साथ भर्ती हुई थी। आपस में खूब मजाक चलता रहा है। किसी को यह उम्मीद नही कि अजीत ¨सह जगप्रीत पर गोलियां चला सकता है।