इंडस्ट्री को राहत देने काे ग्राउंड वाटर अथॉरटी करेगी बड़े बदलाव, रेन वाटर हार्वेस्टिंग की अनुमति देने का उठा मुद्दा
इस दौरान उनके समक्ष एमएसएमई को रोजाना 50 हजार लीटर पानी इस्तेमाल करने की अनुमति देने एनजीटी की और से घोषित ब्लैक ज़ोन्स के दोबारा ऑडिट करवाने का मुद्दा उठा।
लुधियाना, जेएनएन। चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीयल एवं कमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआइसीयू) की ओर से इंडस्ट्री के विभन्न मुद्दों को लेकर पंजाब वाटर रेगुलेशन एंव डेवेलपमेंट अथॉरटी के चेयरमैन करण अवतार सिंह संग ज़ूम मीटिंग की गई। मीटिंग के दौरान प्रधान उपकार सिंह आहूजा ने बताया कि सेंट्रल ग्राउंड वाटर अथॉरटी की ओर से पानी निकलने को लेकर इंडस्ट्री को कई तरह के नोटिस जारी किये जा रहे है।
पानी के इस्तेमाल के बिना इंडस्ट्री का चल पाना सम्भव नहीं है। लेकिन तरह तरह के नोटिसों से इंडस्ट्री परेशान है। इस दौरान उनके समक्ष एमएसएमई को रोजाना 50 हजार लीटर पानी इस्तेमाल करने की अनुमति देने, एनजीटी की और से घोषित ब्लैक ज़ोन्स के दोबारा ऑडिट करवाने, इंडस्ट्री को रेन वाटर हार्वेस्टिंग की अनुमति देने, वाटर सेस के चार्जेज जायज करने जैसे मुद्दे रखे गए।
करण अवतार सिंह ने विश्वास दिलाया कि जल्द इन सब मांगों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में ग्राउंड वाटर को लेकर नई योजना पर काम हो रहा है। इसमे कई तरह के बड़े बदलाव किया जाएंगे। इसके लिए शीघ्र एनजीटी के साथ भी बैठकें की जाएंगी। बैठक में पंकज शर्मा, एससी रल्हन, अमित थापर, विजय मेहतानी, नरिंदर भमरा, चरणजीव सिंह, जसविंदर भोगल, अश्वनी कुमार, ललित जैन, रजत सूद, तरूण जैन बावा ने भी विचार रखे।