इंडस्ट्री की मांग पर सीएलएसएस स्कीम दोबारा शुरू, 15 फीसद तक मिलेगी सब्सिडी Ludhiana News
सरकार की ओर से स्कीम को तो दोबारा आरंभ कर दिया गया है। लेकिन इससे संबंधित पूर्ण जानकारी बैंकों के पास नहीं है।
लुधियाना, [ मुनीश शर्मा]। गारमेंट्स इंडस्ट्री की टफ स्कीम की तर्ज पर पिछले लंबे समय से इंजीनियरिंग इंडस्ट्री टफ स्कीम दिए जाने की मांग कर रही है। लेकिन इस मांग को न मानते हुए वर्ष 2017 में क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) को भी होल्ड कर दिया गया था। जिसे इंडस्ट्री की लंबे समय की मांग को देखते हुए अब दोबारा आरंभ कर दिया गया है। इसके लिए पेंडिंग पड़ी फाइलों को भी विभाग की ओर से शीघ्र निपटाया जाएगा।
वर्ष 2006 में केंद्र सरकार ने क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी स्कीम देकर उद्योगों को कुछ राहत दी थी। इसके अंतर्गत कई श्रेणियों में टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए एक करोड़ रुपए की मशीनरी पर 15 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान था। लेकिन इसके लिए बैंकों से कर्ज लेना अनिवार्य था। उद्योगों ने इस स्कीम का काफी लाभ उठाया। लेकिन 2016-17 से सरकार ने इस स्कीम के अंतर्गत सब्सिडी देनी बंद कर दी, लेकिन आवेदन लेने जारी रखे। इसका नतीजा यह हुआ कि उद्योगों का एक हजार करोड़ से उपर की सब्सिडी का बकाया सरकार की तरफ खड़ा है।
सिडबी के पास अटकी रहीं हजारों फाइलें
इस स्कीम के अंतर्गत सभी सरकारी बैंकों द्वारा सिडबी यानि (स्माल इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया) को आवेदन किया जाता है और सिडबी की ओर से एमएसएमई मंत्रालय को फाइनल अप्रूवल के लिए भेजा जाता है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से हजारों फाइलें सिडबी के पास ही अटकी रहीं। इसके बारे में न तो मंत्रालय को सूचना दी गई और न ही संबंधित बैंकों को बताया गया। ऐसे में अब स्कीम के दोबारा आरंभ होने से पेंडिंग केसों का निपटारा होने के साथ-साथ सब्सिडी समय पर मिलने से इंडस्ट्री अपग्रेड कर पाएगी।
इंडस्ट्रियल शहरों में बनाए जाएं स्पेशल डेस्क : राजीव जैन
लघु उद्योग भारती के प्रदेश ज्वाइंट सचिव राजीव जैन के मुताबिक सरकार की ओर से स्कीम को तो दोबारा आरंभ कर दिया गया है। लेकिन इससे संबंधित पूर्ण जानकारी बैंकों के पास नहीं है। इसके लिए सरकार को इंडस्ट्रियल शहरों में स्पेशल डेस्क बनाने चाहिए। ताकि इंडस्ट्री अपग्रेडेशन कर समय पर सब्सिडी ले सके। 2017 से पहले की पेंडिंग फाइलों को समय पर पूरा किया जाए। इसके साथ ही इनके निपटारे के लिए बैंकों को भी नोटीफिकेशन जारी की जाए।
ऐसी योजनाएं सराहनीय: उमेश कुमार
अर्पण साइकिल के एमडी उमेश कुमार नारंग के मुताबिक सरकार की ओर से इस तरह की योजनाओं को लागू कर इंडस्ट्री को अपलिफ्ट करने का काम करना चाहिए। आज तेजी से ग्लोबल मार्केट विकसित हो रही है। ऐसे में टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए तत्पर होना पड़ेगा। इसमें सरकार द्वारा इस तरह की योजनाएं चलाए जाना सराहनीय है।
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