बिना मास्क पहने घर से निकलने पर आम जनता को मोटा जुर्माना और खास कर्मियों को छूट
वन विभाग ने कब्जा खाली करवाने की खबर का प्रेस नोट फोटो सहित खबरनवीसों को भेजा। फोटो में दो दर्जन लोग खड़े थे और अधिकतर ने मास्क भी नहीं पहना था।
लुधियाना, राजेश शर्मा। जिले में बिना मास्क पहने घर से निकलने व शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने वाले लोगों के चालान से जुर्माना राशि का आंकड़ा 50 लाख के पार पहुंच गया। प्रशासन हर सप्ताह चालान के आंकड़े जारी कर रहा है। वजह वाजिब है कि लोग पढ़कर मनन करें, ताकि उनकी लापरवाही का खामियाजा दूसरों को न भुगतना पड़े। लेकिन प्रशासन की यह नसीहतें सिर्फ आमजन के लिए ही हैं जबकि खास को तो पूरी छूट है।
एक वर्ग ऐसा भी है जिन पर जनता का मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी है। मगर वह न केवल खुद लापरवाह हैं बल्कि दूसरों को भी गलत संदेश दे रहा है। हुआ यूं कि वन विभाग ने कब्जा खाली करवाने की खबर का प्रेस नोट फोटो सहित खबरनवीसों को भेजा। फोटो में दो दर्जन लोग खड़े थे और अधिकतर ने मास्क भी नहीं पहना था। पहले तो प्रशासन को इन पर कार्रवाई करनी चाहिए। आखिर नियम तो सबके लिए एक ही हैं।
इकट्ठे फोटो खिंचवा लो
पंजाब सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोधी दलों ने राज्यपाल के नाम मांगपत्र डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा को सौंपना था। मिनी सचिवालय परिसर में तीन पार्टियों के नेता एक साथ ही पहुंच गए। इनमें आम आदमी पार्टी के अलावा शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी भी थे। शिअद और भाजपा नेता एक साथ डीसी के पास पहुंचे, लेकिन अंदर पहुंचकर फोटो खिंचवाने के चक्कर में दोनों पार्टियों के नेता अलग-अलग खड़े हो गए।
भाजपा के जिलाध्यक्ष पुष्पिंदर सिंघल ने साथियों के साथ मांगपत्र सौंपा तो शिअद की तरफ से जिलाध्यक्ष रणजीत सिंह ढिल्लों के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री महेशइंद्र सिंह गरेवाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री शरणजीत सिंह ढिल्लों पहुंचे हुए थे। दोनों दलों की अलग-अलग फोटो होते देखकर शरणजीत ढिल्लों ने सभी को आवाज लगाते हुए कहा कि इकट्ठे फोटो खिंचवा लो, नई ता पत्रकारा ने लिख देणा कि दोनां गठबंधन पार्टियां ने डीसी नूं अलग-अलग मंगपत्र दित्ता।
यह विवादों की मंडी
तीन महीने से मिनी सचिवालय की पार्किंग लावारिस है। यहां आने वाले हजारों लोग निश्शुल्क पार्किंग के मजे तो ले ही रहे हैं, वहीं उन्हें आजादी भी है कि वह मर्जी से जिस कार्यालय के आगे चाहें गाड़ी लगा दें। कोई रोकने-टोकने वाला नहीं। बेतरतीब पार्किंग से दिनभर अराजकता फैली रहती है। जाम तो आम बात है ही, इससे भी गंभीर बात है दिन भर होने वाले दर्जनों झगड़े। जब कोई रोकने वाला ही नहीं तो लोग एक-दूसरे की गाड़ी के आगे गाड़ी लगाकर चले जाते हैं। पीछे लगी गाड़ी तभी निकल सकती है जब इससे आगे लगी गाड़ी कोई निकाले। इस पर घंटों इंतजार करने वाला व्यक्ति झगड़ पड़ता है। परेशान हो रहे लोग कहते हैं कि जिले को संवारने का जिम्मा संभालने वाले अधिकारियों के कार्यालय वाले इस परिसर में ही हालात ऐसे हैं तो बाकी शहर का तो भगवान ही मालिक है।
ऐने दा स्कूटर वी नईं
नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद आरटीए में आए दिन मजेदार मामले सामने आते हैं। एक किस्सा आपको बताते हैं। शिवपुरी निवासी चंदन के स्कूटर का चालान हो गया। उसके पास न प्रदूषण सर्टिफिकेट था और न ही ड्राइविंग लाइसेंस। पुलिस ने कहा कि वाहन जब्त किया जाएगा। सिफारिश से वाहन जब्त होना तो बच गया पर चंदन के लिए मुसीबत खत्म नहीं हुई। ट्रैफिक चालान के भुगतान के लिए मिनी सचिवालय के चालान सेंटर पर पहुंचा तो क्लर्क ने दस हजार रुपये जुर्माना बताया। उससे वह चकरा गया। क्लर्क से डिटेल पूछी तो वह बोला कि पांच हजार रुपये प्रदूषण सर्टिफिकेट और पाच हजार रुपये ड्राइविंग लाइसेंस का फाइन बना है। पुलिस ने चालान के दौरान आरसी पहले ही जब्त कर ली थी। अब चंदन के पास दस हजार रुपये थे नहीं और वह बोला, जनाब जिन्नां जुर्माना बणाया ए, ऐने दा ता स्कूटर वी नईं।