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बेसहारा गोवंश सड़क पर न आए इसके लिए सरकारी प्रयास नाकाफी

शहर के प्रमुख मार्गों से लेकर नेशनल हाईवे पर गोवंश घूमते रहते हैं। मुख्य सड़कों पर खड़े ये गोवंश अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बन जाते हैं। सड़कों से गोवंश को हटाने के लिए सरकारी स्तर पर कई प्रयास किए गए लेकिन यह सब नाकाफी साबित हुए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 06:44 AM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 06:44 AM (IST)
बेसहारा गोवंश सड़क पर न आए इसके लिए सरकारी प्रयास नाकाफी
बेसहारा गोवंश सड़क पर न आए इसके लिए सरकारी प्रयास नाकाफी

जागरण संवाददाता, लुधियाना : शहर के प्रमुख मार्गों से लेकर नेशनल हाईवे पर गोवंश घूमते रहते हैं। मुख्य सड़कों पर खड़े ये गोवंश अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बन जाते हैं। सड़कों से गोवंश को हटाने के लिए सरकारी स्तर पर कई प्रयास किए गए लेकिन यह सब नाकाफी साबित हुए। लुधियाना शहर में नगर निगम जितने पशुओं को सड़क से हटाए उससे ज्यादा पशु सड़कों पर आ जाते हैं। नगर निगम सड़कों पर गोवंश छोड़ने वालों पर नकेल कसने में कामयाब नहीं हो सका। जिसका नतीजा यह है कि सड़कों पर गोवंश की भरमार है।

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नगर निगम ने गोवंश को पकड़कर गोशाला में पहुंचाना शुरू किया। इसके लिए गोविद गोधाम के साथ निगम ने अनुबंध किया। वहां पर पर्याप्त जगह नहीं हुई तो निगम ने बुर्ज पवात में नया शेड बनाया। इस तरह 1400 से अधिक गोवंश को निगम गोशालाओं में पहुंचा चुका है, लेकिन इससे कहीं ज्यादा गोवंश अभी भी सड़कों पर घूम रहा है। निगम अफसरों को अंदेशा था कि डेयरी संचालक दूध न देने वाली गायों को सड़क पर छोड़ देता है। इस पर नकेल कसने के लिए नगर निगम ने पशुओं का रजिस्ट्रेशन करके उन पर माइक्रोचिप लगानी शुरू की। उसके बाद भी डेयरी कांप्लेक्सों के आसपास बड़ी गिनती में गोवंश बाहर घूम रहा है। यही नहीं अब तो मोहल्लों में भी गोवंश घूम रहा है।

ग्रामीण छोड़ देते हैं शहर में गोवंश

दूध न देने वाली गायों को ग्रामीण अपने आसपास नहीं छोड़ते क्योंकि वह खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। इस वजह से ग्रामीण इन गायों शहर में लाकर छोड़ देते हैं। इसके अलावा बेलों का उपयोग अब खेती में नहीं किया जाता है इसलिए उन्हें भी लोग बाहर छोड़ देते हैं।

शहर की बाकी गोशालाओं से नहीं बनी बात

नगर निगम ने शहर की अन्य गोशालाओं के साथ भी गोवंश को रखने के लिए संपर्क साधा लेकिन निगम और गोशाला प्रबंधकों के बीच इसको लेकर सहमति नहीं बन पाई। नगर निगम ने अब गोलोक गोधाम को सात एकड़ जमीन लीज पर दी है ताकि वहां पर भी बड़ी गिनती में गोवंश को रखा जा सके।


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