फॉक सांग से किया कमाल, लोक नृत्य से किया धमाल
भारतीय विद्या मंदिर स्कूल में पिछले सात दिनों से चल रहे स्वर्ण जयंती समारोह के अंतिम दिन अलग-अलग राज्यों के लोक नृत्य, लोक गीत व कर्तव्यों का बोध करवाने वाली एक से बढ़कर एक अविस्मरणीय प्रस्तुतियों से विद्यार्थियों ने खूब तालियां बटोरी। विद्यार्थियों ने पंजाब के पारंपरिक साजों के साथ मलवई गिद्दे व भंगड़े में स्टेज पर धमाल मचाते हुए धमाकेदार प्रस्तुति देकर श्रोताओं को झूमने के लिए विवश किया।
जासं, लुधियाना : भारतीय विद्या मंदिर स्कूल में पिछले सात दिनों से चल रहे स्वर्ण जयंती समारोह के अंतिम दिन अलग-अलग राज्यों के लोक नृत्य, लोक गीत व कर्तव्यों का बोध करवाने वाली एक से बढ़कर एक अविस्मरणीय प्रस्तुतियों से विद्यार्थियों ने खूब तालियां बटोरी। विद्यार्थियों ने पंजाब के पारंपरिक साजों के साथ मलवई गिद्दे व भंगड़े में स्टेज पर धमाल मचाते हुए धमाकेदार प्रस्तुति देकर श्रोताओं को झूमने के लिए विवश किया।
बुधवार को समारोह में बतौर मुख्यातिथि पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीजेपी संजय विनायक जोशी ने शिरकत की जबकि अतिथि के तौर पर दैनिक जागरण पंजाब एवं चंडीगढ़ के स्थानीय संपादक अमित शर्मा शामिल हुए। इस मौके पर भारतीय विद्या मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ओपी सभ्रवाल, उपाध्यक्ष फूल चंद जैन, सेक्रेटरी पीसी गोयल, ज्वाइंट सेक्रेटरी मनोज गुप्ता, शुभ कर्ण जैन, मदन मोहन ब्यास, आरके बहल व सभी शाखाओं के प्रधानाचार्य मौजूद रहे। आखिरी दिन के समारोह की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ हुई। इसके बाद विद्यार्थियों ने पंजाब के प्रसिद्ध लोक गायकों कुलदीप माणक, यमला जट्ट, गुरदास मान, नरिंदर बीबा, जगमोहन कौर, सुरिंदर कौर को समर्पित गीतों पर परफॉर्म किया। फिर विद्यार्थियों ने राजस्थानी लोक गीत सावन की ऋतु आई रे प्रस्तुत किया। इस मौके पर मुख्यातिथि संजय विनायक जोशी ने विद्यार्थियों से कहा कि देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने से कभी पीछे न हटें और देश के अच्छे, गुणी व संस्कारी नागरिक बनें। तभी देश तरक्की करेगा। आजादी के सफर की दिलाई याद
फिर बारी आई आजादी के सफर की जिसमें विद्यार्थियों ने देश भक्ति गीतों के माध्यम से शहीदों को याद किया। माहौल तब भावुक हो गया, जब विद्यार्थियों ने नाटक 'हम वाकई स्वतंत्र हैं? की प्रस्तुति दी। इस नाटक में देश में व्याप्त बाल मजदूरी, कन्या वध, नारी अत्याचार, अनपढ़ता व किसानों की दयनीय स्थिति को दर्शाते हुए आजादी पर सवाल खड़ा किया। केरल त्रासदी के दर्द को किया बयां
इसके बाद केरल त्रासदी के दर्द को बयां किया। इसमें दिखाया गया कि किस तरह जब बाढ़ ने पूरे केरल को तहस-नहस कर दिया, तो देश के अलग-अलग धर्मो के लोग मदद के लिए आगे आए। इसके बाद विद्यार्थियों ने केरल के लोक नृत्य की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को जोश से लबरेज कर दिया। शिव तांडव से भक्तिमय बनाया माहौल
स्वर्ण जयंती समारोह में भगवान शिव का तांडव नृत्य भी देखने को मिला। विद्यार्थियों ने शिव की शक्ति को एक्ट के जरिए मंच पर प्रस्तुत करके माहौल को कुछ क्षण के लिए भक्तिमय बना दिया। यही नहीं, हरियाणवीं लोक नृत्य से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का संदेश भी दिया। आखिर में स्कूल के जोशीले गबरूओं व मुटियारों ने मलवई गिद्दा व भंगड़ा में इतनी शानदार परफर्मेस दी कि दर्शक झूमने के लिए मजबूर हुए ही, साथ ही स्कूल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य भी मंच पर आ गए।
25 नवंबर तक बीवीएम में रहेगी छुट्टी
समारोह के अंत में भारतीय विद्या मंदिर ट्रस्ट के सेक्रेटरी पीसी गोयल की एक घोषणा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी। यह घोषणा थी छुट्टी की। जैसे ही पीसी गोयल ने स्वर्ण जयंती समारोह के चलते 25 नवंबर तक स्कूल बंद होने की घोषणा की तो ऑडिटोरियम में मौजूद हर शख्स के चेहरे पर खुशी दौड़ उठी, क्योंकि सभी पिछले एक महीने से स्वर्ण जयंती समारोह की तैयारियों और आयोजन को सफल बनाने में दिन रात एक हुए थे।