समय-समय पर करवाएं मधुमेह की जांच: डॉ. गौरव
मधुमेह एक गंभीर बीमारी है जो हमारे शरीर में दबे पांव आती है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना: मधुमेह एक गंभीर बीमारी है, जो हमारे शरीर में दबे पांव आती है। हालांकि, यह बीमारी शरीर में आने से पहले कुछ संकेत देती हैं। लेकिन अज्ञानतावश हम उन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं और मधुमेह का शिकार बन जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लक्षणों को कभी अनदेखा न करें। यह कहना है अरोड़ा न्यूरो सेंटर के चीफ ऑफ इंटरनल मेडिसन एंड क्रिटिकल केयर डॉ. गौरव सचदेवा का। बुधवार को अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में मरीजों को जानकारी देते हुए डॉ. अरोड़ा ने कहा कि दुनिया भर में मधुमेह रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। खासकर, भारत में। लाइफ स्टाइल की गलत आदतों की वजह से होने वाली इस बीमारी की रोकथाम को लेकर सजगता बरती जानी बेहद जरूरी है। यह तभी संभव होगा, जब लोग मधुमेह रोग को लेकर जागरूक होंगे।
उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यकित को बार-बार अधिक प्यास लगे, भूख ज्यादा लगे, बिना शारीरिक श्रम के थकान हो, शरीर में कहीं घाव होने पर जल्दी ठीक न हो, बार-बार पेशाब आएं तो यह सब डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं। यदि इनमें से कुछ लक्षण भी दिखाई दें, तो तुरंत एचबीएवनसी टेस्ट करवाना चाहिए। खासकर, जिन्हें उच्च रक्तचाप की शिकायत हो, हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास हो, कोई गर्भावस्था की स्थिति में हो या जिन परिवारों में मधुमेह की हिस्ट्री रही हो । यह टेस्ट शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नापता हैं, जो खून के लाल सेलों के साथ जुड़ा होता है और इससे यह जाना जा सकता है कि पिछले दो-तीन महीने में ब्लड ग्लूकोज लेवल कितने अधिक रहे हैं। कब होती है इंसुलिन की जरूरत?
लगभग सात प्रतिशत या इससे कम एचबीएवनसी वैल्यू दर्शाती है कि हमारी शुगर पूरी तरह से कंट्रोल में है। जांच के समय में अगर एचबीएवनसी आठ प्रतिशत से अधिक हो तो इंसुलिन की जरूरत हो सकती है। ऐसे में हर व्यकित को साल में दो बार अपने चिकित्सक के सुझाव पर एचबीएवनसी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। ऐसा करके मधमुेह को शुरुआती स्टेज में पकड़ सकते हैं या बीमारी को गंभीर स्थिति में जाने से बचाव कर सकते हैं। यहां मैनेजिग डायरेक्टर डॉ. ओपी अरोड़ा, डायरेक्टर डॉ. प्रशांत अरोड़ा, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. संदीप शर्मा भी मौजूद रहे।