सूचना व टेक्नोलॉजी ने विश्व को ग्लोबल विलेज में बदला : वरिंदर वालिया
डॉ. जसविंदर सिंह ने साहित्य धारा के वर्तमान समय में बदले सरोकारों पर विस्तार सहित चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह साहित्य अब पंजाबी साहित्य से पीछे नहीं बल्कि समानांतर है।
लुधियाना, जेएनएन। गुजरांवाला गुरु नानक खालसा कॉलेज के प्रवासी साहित्य अध्ययन केंद्र ने 'प्रवासी पंजाबी साहित्य' पर तीसरी अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की शुरूआत की। यह पंजाब भवन सरी कनाडा, पंजाबी अकादमी दिल्ली, इंडोज पंजाबी साहित्य अकादमी ऑस्ट्रेलिया और साहित्य सुर संगम सभा इटली के सहयोग से कराई गई। इसकी अध्यक्षता कमलदीप सिंह संघा एमडी मिल्कफेड ने की। उद्घाटनी भाषण में पंजाबी जागरण के संपादक वरिंदर वालिया और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से जसविंदर सिंह पहुंचे।
कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. अरविंदर सिंह ने मेहमानों का स्वागत किया। वरिंदर वालिया ने कहा कि सूचना एवं टेक्नोलॉजी ने वर्तमान में विश्व को ग्लोबल विलेज में बदल दिया है। डॉ. जसविंदर सिंह ने साहित्य धारा के वर्तमान समय में बदले सरोकारों पर विस्तार सहित चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह साहित्य अब पंजाबी साहित्य से पीछे नहीं बल्कि समानांतर है। कमलदीप संघा ने कांफ्रेंस की प्रशंसा करते कहा कि विश्व में मां बोली को बचाने के लिए लोग जागरूक हो रहे हैं पर पंजाब में पंजाबी इससे दूर हो रहे हैं।
गुजरांवाला खालसा एजुकेशनल कौंसिल के आनरेरी जनरल सेक्रेटरी और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि संस्था का प्रवासी साहित्य अध्ययन केंद्र विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के साथ प्रवासी पंजाबी साहित्य, पंजाबी भाषा, साहित्य और सभ्याचार के प्रचार और प्रसार करने में योगदान दे रहा है। इससे पहले पंजाबी साहित्य अकादमी के पूर्व प्रधान प्रो. गुरभजन गिल कार्यक्रम में विशेष मेहमान शामिल हुए। इस दौरान प्रो. गुरपाल सिंह संधू, डॉ. परमजीत सिंह, सतबिंदर सिंह, डॉ. भूपिंदर सिंह, डॉ. निर्मल डीन यूथ वेलफेयर पंजाब यूनिवर्सिटी, मनजिंदर मौजूद रहे।
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