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रोज सुबह पशुओं की देखभाल, संडे को दोस्तों संग वालीबॉल; ऐसे हैं लुधियाना के मेयर बलकार संधू

लुधियाना के मेयर बलकार सिंह संधू की सुबह अपनी डेयरी में गाय-भैंसों की देखभाल के साथ शुरू होती है। डेयरी तबेले और पशुओं के साथ उनका रिश्ता करीब 40 साल पुराना है। पशुओं के इस साथ को वह कभी नहीं छोड़ते।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 11:59 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 11:59 AM (IST)
रोज सुबह पशुओं की देखभाल, संडे को दोस्तों संग वालीबॉल; ऐसे हैं लुधियाना के मेयर बलकार संधू
लुधियाना के मेयर बलकार सिंह संधू हर संडे को वालबॉल खेलकर खुद को फिट रखते हैं।

लुधियाना [राजेश भट्ट]। मेयर बलकार सिंह संधू से सभी अच्छे से परिचित हैं। शहर के प्रथम नागरिक हैं। स्वभाव ऐसा है कि विपक्षी पार्टियों के नेता भी उनकी तारीफ करते हैं। जब कभी कहीं किसी मुद्दे पर विपक्षी पार्टी का कोई नेता गर्म हो जाए तो लोगों के सामने उसे ही मेयर बता देते हैं और माहौल को शांत कर देते हैं। मेयर संधू के इस अंदाज और राजनीतिक कुशलता के अलावा उनके व्यक्तित्व व जीवन के और भी कई पहलू हैं। संघर्षपूर्ण जिंदगी जीते आए एक अनुशासित व संयमित शख्स हैं मेयर बलकार सिंह संधू।

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मेयर संधू की सुबह अपनी डेयरी में गाय-भैंसों की देखभाल के साथ शुरू होती है। डेयरी, तबेले और पशुओं के साथ उनका रिश्ता करीब 40 साल पुराना है। पशुओं के इस साथ को वह कभी नहीं छोड़ते। वर्ष 1977 में आर्य कालेज से स्नातक तक पढ़ाई करने के बाद मेयर देहरादून में कानून की पढ़ाई करने गए थे। उस समय बड़े भाई ने परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। उन्होंने करीब 20 पशु रखे थे और दूध का कारोबार करते थे। इसी बीच वह अमेरिका चले गए। परिवार की जिम्मेदारी एकदम से उनके कंधों पर आ गई। मेयर ने कानून की पढ़ाई बीच में छोड़ दी और देहरादून से लुधियाना वापस आकर मां व बहन का सहारा बने। डेयरी ही परिवार की आमदन का साधन थी सो उसे संभालना शुरू कर दिया।

डेयरी में करीब 350 गाय और भैंसें

तब से आज तक रोज सुबह साढ़े चार बजे वह हैबोवाल स्थित डेयरी में पशुओं के बीच जाते हैं। 7 बजे तक मुलाजिमों के साथ उनकी देखभाल करते हैं। यह उनकी आदत में शुमार है। मेयर कहते हैं कि पिछले 40 साल में एक भी दिन ऐसा नहीं होगा कि वह लुधियाना में हों और सुबह पशुओं के बीच न गए हों। उनकी डेयरी में इस समय करीब साढ़े तीन सौ गाय और भैंसें हैं। सार्वजनिक जीवन में होने के बावजूद मेयर देर रात तक पार्टियों या अन्य कार्यक्रमों में रहना पसंद नहीं करते हैं। रात के कार्यक्रमों से वह अक्सर दूरी बनाकर रखते हैं। रात को समय पर सोना और सुबह जल्दी उठना उनकी आदत है।

पांच बार पार्षद बने

बलकार सिंह संधू पांच बार पार्षद बने और अब तीन साल से मेयर हैं। व्यस्त रहने के बावजूद वह रविवार सुबह दोस्तों के साथ वालीबॉल खेलना नहीं भूलते। रविवार सुबह वह किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने नहीं जाते हैं। विद्यार्थी जीवन से वह रविवार सुबह वालीबॉल खेलते आ रहे हैं। सप्ताह भर की मानसिक थकान को इस तरह खेल व दोस्तों के साथ दूर करते हैं। इस तरह फिजिकल फिटनेस पर ध्यान देते हैं। वह कहते हैं, 'सेहत है तो सब कुछ है।'


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