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Ludhiana: इंडस्ट्रियल पार्क कूमकलां की 19 किलोमीटर लंबी बाउंड्री वाल बनाएगा ग्लाडा, जानें याेजना

ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथारिटी ने इंडस्ट्रियल पार्क की चारदीवारी के लिए टेंडर जारी कर दिया। बुधवार नौ दिसंबर को टेंडर खोले जाएंगे और उसके बाद चारदीवारी बनाने के लिए वर्क आर्डर जारी किए जाएंगे। ग्लाडा अधिकारियों का तर्क है कि इंडस्ट्रियल पार्क की चारदीवारी करना जरूरी है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 11:16 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 11:16 AM (IST)
Ludhiana: इंडस्ट्रियल पार्क कूमकलां की 19 किलोमीटर लंबी बाउंड्री वाल बनाएगा ग्लाडा, जानें याेजना
मत्तेवाड़ा मार्डन इंडस्ट्रियल पार्क का नाम बदला। (सांकेतिक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाब सरकार ने मत्तेवाड़ा मार्डन इंडस्ट्रियल पार्क का नाम बदल कर मत्तेवाड़ा इंडस्ट्रीयल पार्क कूमकलां कर दिया। शहर की संस्थाएं एक तरफ इस इंडस्ट्रियल पार्क का विरोध कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथारिटी ने जमीन अधिग्रहित करके अब जमीन की चारदीवारी करने का निर्णय लिया है। ग्लाडा 12.60 करोड़ रुपये खरीदकर इंडस्ट्रीयल पार्क के लिए आरक्षित एरिया की चारदीवारी करेगा। यह चारदीवारी करीब 19 किलोमीटर लंबी होगी। ग्लाडा इसी माह के अंत तक चारदीवारी का काम शुरू कर देगा।

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ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथारिटी ने इंडस्ट्रियल पार्क की चारदीवारी के लिए टेंडर जारी कर दिया। बुधवार नौ दिसंबर को टेंडर खोले जाएंगे और उसके बाद चारदीवारी बनाने के लिए वर्क आर्डर जारी किए जाएंगे। ग्लाडा अधिकारियों का तर्क है कि इंडस्ट्रियल पार्क की चारदीवारी करना जरूरी है नहीं तो जमीन पर कब्जा होने का डर रहता है। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से किसी भी इंडस्ट्रियल पार्क की चारदीवारी जरूरी होती है। गौतलब है कि ग्लाडा मत्तेवाड़ा में करीब 1100 एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल पार्क बना रहा है और ग्लाडा जमीन अधिग्रहण करने के बाद जमीन की निशानदेही पहले कर चुका है।

यही नहीं ग्लाडा इस पूरी जमीन के चारों तरफ कंटीली तार भी लगा चुका है। वहीं शहर की समाज सेवी संस्थाएं इस इंडस्ट्रियल पार्क के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। संस्थाओं का आरोप है कि ग्लाडा नियमों को ताक पर रखकर यहां इंडस्ट्रियल पार्क बनाने जा रहा है। पहले तो यह पार्क फ्लड प्लेन एरिया में बन रहा है जो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों का उलंघन है। वहीं दूसरी तरफ इस पार्क से मत्तेवाड़ा जंगल व सतलुज को भी नुकसान पहुंचेगा। हाल ही में प्रमुख समाजसेवी मेधा पाटकर भी लुधियाना दौरे पर आई थी और उन्होंने भी इस पार्क के विरोध में स्वयंसेवी संस्थाओं के विरोध को जायज ठहराया था।

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