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Halwara Airport: ग्रामीणों ने प्रति एकड़ जमीन के मांगे डेढ़ करोड़ रुपये, तय नहीं हो पाए रेट

लुधियाना एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी (ग्लाडा) के लैंड कलेक्टर भूपिंदर सिंह ने भूमि मालिकों को दो टूक कह दिया कि जमीन के रेट सरकार ही तय करेगी।

By Edited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 07:52 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 05:54 PM (IST)
Halwara Airport: ग्रामीणों ने प्रति एकड़ जमीन के मांगे डेढ़ करोड़ रुपये, तय नहीं हो पाए रेट
Halwara Airport: ग्रामीणों ने प्रति एकड़ जमीन के मांगे डेढ़ करोड़ रुपये, तय नहीं हो पाए रेट

लुधियाना, जेएनएन। हलवारा एयरपोर्ट टर्मिनल के लिए अधिगृहित की जा रही जमीन के रेट शुक्रवार को भी तय नहीं हो पाए। एतियाणा गांव में ग्रामीणों के साथ मीटिंग करने पहुंचे ग्रेटर लुधियाना एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी (ग्लाडा) के लैंड कलेक्टर भूपिंदर सिंह ने भूमि मालिकों को दो टूक कह दिया कि जमीन के रेट सरकार ही तय करेगी। आप अपनी ओर से रेट बता दीजिए हम सरकार तक इसे पहुंचा देंगे।

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अधिकारियों ने ग्रामीणों को कहा कि उनका काम है जमीन के रिकाॅर्ड को दुरुस्त करके सरकार तक जमीन का माप व उनके मालिकों के नाम पहुंचाना, ताकि जमीन की रकम उनके खाते में पहुंचाई जा सके। भूमि मालिकों ने मोहाली की तर्ज पर डेढ़ करोड़ रुपये प्रति एकड़ जमीन के हिसाब से मुआवजे की मांग की। भूपिंदर सिंह ने आश्वासन दिया कि आप लोगों ने जो रेट बताए हैं उन्हें सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा। फाइनल रेट वहीं से तय होने हैं। मीटिंग के दौरान गांव में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी भी तैनात रहे।

ग्रामीण बोले, रेट फाइनल नहीं कर सकते तो क्यों आते हैं बार-बार

ग्रामीणों ने अधिकारियों से सवाल किया कि जब आप रेट ही तय नहीं कर सकते तो बार-बार मीटिंग करने क्यों आते हैं। अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट टर्मिनल के लिए 161.27 एकड़ जमीन अधिगृहीत होनी है। भूमि अधिग्रहण एक्ट 2013 में प्रक्रिया तय की गई है। उसी को पूरा करने के लिए मीटिंगों का दौर चल रहा है। शुक्रवार की मीटिंग इस एक्ट के सेक्शन 21 बी के तहत की गई है, जिसमें यह साफ किया गया है कि भूमि रिकाॅर्ड में बदलाव के लिए जो भी अभी तक आवेदन आए हैं उनका निपटारा कर दिया गया है। इसके बाद भी अगर किसी ने नाम, खरीद फरोख्त या अन्य कोई संशोधन करवाना है तो वह इसी समय आवेदन कर सकता है या फिर इसके बाद भी संबंधित कार्यालय को आवेदन भेजा जा सकता है। मकसद है कि जब भूमि का मुआवजा सरकार जारी करे तो इसके मालिकों को किसी तरह की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।

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