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गीतांजलि लेडीज क्लब की सदस्याओं ने अनुभव किए साझा

गीतांजलि लेडीज क्लब ने शनिवार को ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 05:45 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 05:45 AM (IST)
गीतांजलि लेडीज क्लब की सदस्याओं ने अनुभव किए साझा
गीतांजलि लेडीज क्लब की सदस्याओं ने अनुभव किए साझा

जागरण संवाददाता, लुधियाना : गीतांजलि लेडीज क्लब ने शनिवार को ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान क्लब मेंबर्स ने टंग टिवस्टर गेम खेली, साथ जीवन के अनुभव भी साझा किए। क्लब की अध्यक्ष सुनीता दत्ता की अध्यक्षता में यह ऑनलाइन गतिविधि करवाई गई। हर सदस्य ने अपने जीवन का कोई न कोई अनुभव बताया। क्लब की गुरमीत वालिया ने दूसरी बेटी के जन्म की बातें, नीरू सिगला ने सास-ससुर के अनूठे प्यार का रोचक अनुभव सभी के साथ शेयर किया। वहीं आंखों की विशेषज्ञ डॉ. रिचा ने एक बुजुर्ग मरीज की आंखों के ऑप्रेशन का किस्सा सुनाया। रजनी बांगिया ने बेटे के खाने को लेकर नखरे करने का किस्सा बताकर समा बांधा। सुनीता दत्ता ने कहा कि केवल मनोरंजन के लिए यह गतिविधि कराई गई। इंडियन आर्ट है क्रिएटिविटी से भरपूर : भावना

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इंडियन आर्ट क्रिएटिविटी से भरपूर है। हर कोई अपनी किसी न किसी क्रिएटिविटी के चलते प्रसिद्ध होता है। यह बात 'आइ हार्ट आर्ट' विषय पर आयोजित वेबिनार में लैटीट्यूड 28 गैलेरी की डायरेक्टर भावना कक्कड़ ने कही। भावना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 50 से अधिक शोज कर चुकी हैं। इससे पहले फिक्की फ्लो की चेयरपर्सन मन्नत कोठारी ने वेबिनार से मुख्य मेहमान जुड़ी भावना का स्वागत किया।

यह वेबिनार फिक्की फ्लो के अरमान सीरिज के तहत हुआ। वेबिनार में मॉडरेटर की भूमिका गुंजन आदया ने निभाई। वेबिनार की शुरुआत में आर्ट के बारे बताया गया कि हर किसी का आर्ट के बारे अलग-अलग नजरिया है। कोई आर्ट को कल्पना मानता है तो कोई आर्ट को किसी के एक्सप्रेशन को बयां करने की बात तो कोई आर्ट को खुशी मानता है। भावना कक्कड़ ने कहा कि इंडियन आर्ट को जानने से पहले जरूरी है कि मॉर्डन आर्ट कहां शुरू हुआ। शुरुआती समय में इसका कइयों को पता ही नहीं था और फाइन आ‌र्ट्स को करियर के तौर पर बहुत कम लोग अपनाते थे। समय के साथ-साथ क्रिएटिविटी बढ़ती गई। कोई वाटर क्लर्स तो कोई ऑयल पेंटिग तो कोई ब्रश के अन्य कई मीडियम का इस्तेमाल कर अपनी क्रिएटविटी दिखाता गया। अब आर्ट के दायरे का भी विस्तार हो चुका है। आज के युवा अच्छे आर्ट की कलेक्शन कैसे हासिल कर सकते हैं। भावना ने कहा कि हर कोई किसी न किसी आर्ट गैलरी, म्यूजियम जाना पसंद करता है तो वहां जाकर अपनी सोच का दायरा भी बढ़ाए। ऐसी जगह जाकर क्रिएटिविटी को देखें फिर कलाकार के बारे रिसर्च करें, इससे कोई न कोई आइडिया जरूर मिलेगा।


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