होटल कारोबारी हत्यकांडः गैंगस्टर मोनी ने पांच मीटर की दूरी से मारी थी आठ गोलियां, चार हुई थीं आरपार
तीन डॉक्टरों के बोर्ड ने जिंदी का पोस्टमार्टम किया। एक गोली उसके दाहिने हाथ से लगकर निकल गई थी। दूसरी गोली दाहिने कंधे में लगकर बाहर निकल गई थी।
लुधियाना, जेएनएन। जवाहर नगर कैंप स्थित डॉ. रविंद्र दुआ की क्लीनिक में मारे गए होटल कारोबारी हरजिंदर सिंह जिंदी का शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान पुलिस को सख्त पहरा रहा। पूरा दिन जवाहर नगर कैंप के बाजार बंद रहे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार जिंदी को पांच मीटर की दूरी से आठ गोलियां मारी गई थीं। चार गोली डॉक्टरों ने निकाल ली है। पुलिस ने गैंगस्टर सुखविंदर सिंह मोनी और उसके साथियों पर हरजिंदर सिंह जिंदी के भाई कंवलजीत सिंह के बयान पर मामला दर्ज किया है।
तीन डॉक्टरों के बोर्ड ने जिंदी का पोस्टमार्टम किया। एक गोली उसके दाहिने हाथ से लगकर निकल गई थी। दूसरी गोली दाहिने कंधे में लगकर बाहर निकल गई थी। दो गोलियां छाती में और दो गोलियां पीठ में लगी थींं। छाती वाली एक गोली भी आर-पार हो गई थी। यही नहीं दो गोलियां उसके सिर में भी मारी गई थीं, जिसमें से एक गोली लगने के बाद बाहर निकल गई थी। कुल मिलाकर एक गोली छाती से, दो पीठ से व एक सिर से निकाली गई। वहीं पता चला है कि आरोपित मोनी अपने साथियों के साथ उत्तराखंड के रुढ़की चला गया है।
इस बात की थी रंजिश
पुलिस के हाथ लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से आरोपित सुखविंदर सिंह मोनी की शिनाख्त हो गई है। मोनी को पुलिस ने एक नवंबर की रात एटीएम लूट मामले में नामजद किया था और वह तभी से फरार चल रहा था। मोनी को शक था कि उसकी मुखबिरी पुलिस के पास हरजिंदर सिंह जिंदी ने की थी और उसने पुलिस को कुछ सीसीटीवी फुटेज भी मुहैया करवाई थी, जिस कारण वह उससे रंजिश रखने लगा था। मोनी ने कई बार जिंदी को जान से मारने की धमकी दी थी और उस पर आठ माह पहले गोली चलाई भी थी, मगर जिंदी को नहीं लगी थी।
चर्चा: मोनी के भाई और मां हिरासत में
जवाहर नगर कैंप में फायरिंग के बाद काफी दहशत फैल गई थी। शुक्रवार को डॉ. रविंदर दुआ के क्लीनिक के आस-पास की दुकानें बंद रहीं। एरिया मे चर्चाएं चलती रहीं कि मोनी के भाई और मां को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस सीसीटीवी कैमरों में आई वैगे नार कार की तलाश कर रही है। सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगे कैमरों की सहायता से क्राइम ट्रैक बनाया जा रहा है। आरोपितों के वारदात के बाद जगराओं की तरफ भागने की आशंका है।
सीपी ने देर शाम बुलाई आपात बैठक
वारदात के चौबीस घंटे बीतने के बाद जब पुलिस के हाथ कुछ खास सुराग नहीं लगे तो सीपी राकेश अग्रवाल ने सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसमें डीसीपी सिमरतपाल ढींडसा, एडीसीपी हरीष दयामा, एसीपी मनिंदर सिंह, एसीपी जतिंदर चोपड़ा समेत अन्य जांच अधिकारी शामिल थे। इस दौरान सभी ने अपने सोर्स से मिली जानकारी सांझा की है और मोनी समेत उसके दूसरे साथियों की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।
2015 में मोनी ने लूटा था पीएनबी
सुखविंदर सिंह मोनी 2015 में कोचर मार्केट में पीएनबी में लूट करने के बाद उत्तराखंड चला गया था और उसने वहां पर भी बैंक लूटा था, जिसके बाद वह गिरफ्तार हुआ था और वह अब उस केस में जमानत पर बाहर आया था। वहां से आने के बाद ही उसका नाम पखोवाल रोड पर पिछले साल हुए एटीएम लूट मामले में आया था। अब आशंका जाहिर की जा रही है कि वह वारदात करने के बाद वह अपने उत्तर प्रदेश के साथियों के पास रुड़की पहुंच गया है।